
मुखबिर की सूचना पर आरपीएफ ने लिया एक्शन, नहीं हो सकता था ये हादसा
विदिशा@अनिल सोनी की रिपोर्ट...
कांक्रीट के जिन स्लीपरों के सहारे रखीं रेलवे की पटरी पर ट्रेनें दौड़ती हैं। उन स्लीपर और पटरी को जोडऩे वाले कुन्दों (पेनड्राल क्लिप) की चोरी करने वाले पांच सदस्यीय एक गिरोह को आरपीएफ ने मुखबिर की सूचना पर बीती रात रंगे हाथ गिरफ्तार कर होने वाले बड़े हादसे को टाल दिया। इनके कब्जे से 44 कुंदे भी जब्त किए गए।
सांची से सलामतपुर के बीच दो दिन से इन कुंदों के चोरी होने की सूचना लगातार आरपीएफ को मिल रही थी। जिसके चलते आरपीएफ टीआई मनीष पांडे ने एसआई एसके गौतम, एएसआई संजय शुक्ला, एसके शुक्ला सहित अन्य पुलिसकर्मियों की टीम गठित की।
टीम के कुछ सदस्य सिविल में और कुछ ड्रेस में बुधवार की शाम सांची से सलामतपुर तक पटरी की जांच करने पैदल पहुंचे, तो रात करीब 12 से एक के बीच में आमखेड़ा निवासी गुड्डा, किशोरीलाल, फदलू, खेमचंद और राजेश सर्वजाति आदिवासी को कुंदा निकालते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर थाना लाए। टीआई पांडे ने बताया कि उनके खिलाफ रेलवे सम्पत्ति अवैध कब्जा अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उन्हें गुरुवार को भोपाल कोर्ट भेजा गया। जहां उन्हें अधिकतम तीन साल की सजा और अर्थ दंड की सजा होगी।
कुंदों से बनाते थे छैनी
पकड़े गए सभी आरोपी पत्थर खदानों में काम करते हैं। इन कुंदों को लेजाकर इन्हें गलाकर इनसे छैनी बनाने का काम यह आरोपी करते थे। जिनसे पत्थर जल्दी कटता है और यह छैनी मजबूत भी बहुत रहती है। वहीं इन कुंदों को बेचने का काम भी आरोपी करते थे।
ऐसे करते थे चोरी
आरपीएफ के अनुसार आरोपी एक आरोपी चार से पांच स्लीपर छोड़कर एक कुंदें निकालते थे। जिससे एकदम से कुंदे निकलने की जानकारी नहीं लग सके। जांच के दौरान कुछ-कुछ दूरी पर कुंदे पड़े मिले।
हो सकता था बड़ा हादसा
स्लीपर और पटरी को जोडऩे वाले कुंदे अधिक मात्रा में निकल जाने पर पटरी स्लीपर से अलग हो जाती तो ऐसे में पटरी से ट्रेन निकलने पर बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन समय रहते आरपीएफ की सूझबूझ से आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गए।
Published on:
24 Aug 2018 11:05 am
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