
विदिशा। शहर में दुर्गानगर चौराहा रेलवे स्टेशन मार्ग पर दो दिन पहले ही खुली शराब दुकान अब आक्रोश का कारण बनने लगी है। रविवार सुबह दुकान के सामने बड़ी संख्या में महिलाएं और अन्य लोगों ने दुकान को हटाने के लिए धरना दिया। महिलाओं में दुकान को लेकर इतना अधिक आक्रोश था कि उन्होंने शराब दुकान का शटर गिराकर दुकान के सामने धरने पर बैठ गई।
लोगों का कहना है कि यह दुकान पहले शेरपुरा मछली मार्केट में थी अब इसे शहर के व्यस्ततम दुर्गानगर चौराहा पर शिफ्ट कर दिया गया है। रविवार सुबह रहवासियों ने दुकान के सामने रेलवे स्टेशन मार्ग पर धरना शुरू कर दिया। धरने में क्षेत्र के चिकित्सक, इंजीनियर, व्यापारी व अन्य संभ्रांत परिवार के लोग बड़ी संख्या में शामिल रहे। सीएसपी विकास पांडे, सिविल लाइन टीआई योगेंंद्र दांगी, तहसीलदार केएन ओझा, एसडीएम गोपाल वर्मा पहुंचे और धरनारत लोगों से चर्चा की।
क्षेत्र के रहवासी इस शराब दुकान को कहीं और शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे, लेकिन चर्चा किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने से धरनारत महिलाएं आक्रोश में आ गई। उनका कहना रहा कि व्यस्तम चौराहा एवं संभ्रांत लोगों के रहवासी क्षेत्र में इस तरह शराब दुकान खुलवाना शर्मनाक है। महिलाओं ने कहा कि सरकार यह दुकान खोलकर क्या बच्चों को सडक़ों पर लौटता देखना चाहती है। वे दुकान को तत्काल हटाए जाने की मांग कर रही थीं। महिलाएं आक्रोश जताते हुए शराब दुकान पर जा पहुंची और शटर गिराकर दुकान को बंद कर शटर के पास ही धरने पर बैठ गई।
इसलिए शराब दुकान को हटना जरूरी
आक्रोशित लोगों का कहना है कि शराब दुकान जिस स्थान पर खोल दी गई। वहां दुकान के सामने जिला पुरातत्व संग्रहालय है। पास ही तहसीलदार का निवास और सर्किट हाउस है। इस मार्ग पर रेलवे यात्रियों का रातभर आना जाना रहता है। अब नवरात्र आने से दुर्गानगर स्थित मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसी मार्ग से आनाजाना करते हैं। समीप ही इंजीनियर कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज है। यह क्षेत्र सिविल लाइन क्षेत्र कहलाता है। इसके बाद भी इस स्थान पर शराब दुकान खोल दी गई। लोगों का कहना है कि गली में शराब दुकान खुलने से एक गली प्रभावित होती है। यहां तो चौराहे पर दुकान खोल नागरिकों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर यह दुकान यहां से हटाए जाने की मांग की।
कलेक्टर के आश्वासन पर धरना समाप्त
प्रदर्शन में शामिल पार्षद प्रतिनिधि अविनाश सनेहा ने बताया कि कलेक्टर ने 48 घंटे में दुकान बंद कराने का आश्वासन दिया है। इसके बाद धरना आंदोलन समाप्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि अगर दुकान इस स्थान से नहीं हटाई गईतो अगले आंदोलन में चक्काजाम एवं क्षेत्र में महिलाओं का हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। धरना आंदोलन में पूर्व पार्षद भावना सनेहा, मंजू बालोठिया, हिम्मतसिंह भदौरिया, डॉ. प्रशांत बागरेचा, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. शैलेंद्र कटारिया, जितेंद्र तिवारी, प्रियंका किरार सहित अन्य लोग शामिल थे।
Published on:
28 Mar 2022 02:43 am
बड़ी खबरें
View Allविदिशा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
