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तीन करोड़ खर्च, नतीजा सिफर

स्टेडियम बनकर तैयार होता उसके पहले ही उसकी दीवारें गिर गई

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Jagdeesh Ransurma

Jul 20, 2016

vidisha

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गंजबासौदा. शहर के युवा और खिलाड़ी लंबे समय से खेल स्टेडियम के लिए तरसते आ रहे हैं। एक स्टेडियम एसजीएस परिसर में बन रहा था लेकिन उसे अफसरों का भ्रष्टाचार निगल गया और स्टेडियम बनकर तैयार होता उसके पहले ही उसकी दीवारें गिर गई।

हालांकि स्टेडियम के निर्माण में काफी पैसा भी खर्च हो चुका था। गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों की जांच हुई लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब दूसरी तरफ शहर के बीचों बीच एक्सीलेंस स्कूल के मैदान में इण्डोर स्टेडियम का सामने आ रहा है। करीब तीन करोड़ की लागत से इस इण्डोर स्टेडियम का निर्माण इस मकसद से किया था कि यहां पर आयोजन हो सकें और बच्चे व खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा को निखार सकें। लेकिन इस महंगे इण्डोर स्टेडियम के ताले अक्सर बंद रहते हैं और इसका फायदा शहर के खिलाडिय़ों और विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है।

तीन साल से बनकर है तैयार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस स्टेडियम पर तीन करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ था और यह पिछले तीन साल से बनकर तैयार है और इस स्टेडियम में कई आधुनिक मशीनें हैं जो नगर की युवा पीढ़ी की खेल प्रतिभा को निखार सकती हैं। नगर के कई खिलाड़ी बिना उचित संसाधनों के भी प्रदेश स्तर पर नाम कमा चुके हैं। अब जबकि इण्डोर स्टेडियम बनकर तैयार है, तमाम संसाधन हैं लेकिन खिलाडिय़ों को इसके शुरु होने का इंतजार है। हालांकि इसके कभी कभार ताले खुलते हैं जहां पर कर्मचारी काम करते नजर आते हैं। लेकिन स्टेडियम में खिलाड़ी नहीं पहुंचते हैं और न ही उनके लिए इसके दरबाजे खोले जाते हैं। जिससे खिलाडिय़ों को यहां-वहां भटकना पड़ता है।

कॉलेज के मैदानों में भरा रहता है पानी
शहर में कई सरकारी और प्रायवेट कालेज हैं हालांकि इनके पास मैदान हैं लेकिन यहां पर खिलाडिय़ों के लिए सुविधाएं नहीं हैं और संसाधनों की कमी है। इण्डोर स्टेडियम के मामले में एसडीएम तृप्ती श्रीवास्तव का कहना है कि मुझे बीईओ ने बताया है कि इण्डोर स्टेडियम का लोकार्पण हो चुका है। इस बारे में बीईओ को ज्यादा जानकारी है वही लोकार्पण के बारे में बता सकते हैं।

गांव को मिला स्टेडियम, शहर को है इंतजा
शहर के खिलाड़ी पिछले कई सालों से स्टेडियम की मांग करते आ रहे हैं लेकिन इस मांग को आगे बढ़ाने की दिलचस्पी किसी भी नेता ने नहीं ली है जबकि कई सालों से भाजपा के नेताओं का दबदबा बना हुआ है। खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए या फिर खेल प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के लिए खेतों का सहारा लेना पड़ता है। दूसरी मजेदार बात यह है कि शासन ने शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर रसूलपुर गांव में करीब एक करोड़ की लागत से बनने वाले स्टेडियम को मंजूरी दे दी है और निर्माण शुरु करा दिया है। शहर के छात्र नेता अभिषेक दांगी का कहना है कि शहर में भी स्टेडियम की दरकार है सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। वहीं बासौदा स्पोट्स क्लब के अध्यक्ष अनिल अहिरवार का कहना है कि स्टेडियम आज के युवाओं की बड़ी आवश्यकता है।