
रामकथा सुनाने आए मोरारी बापू, आते ही हनुमान जी की चरणों में रखी पौथी
आनन्दपुर/विदिशा. सदगुरूनगर के हनुमान मंदिर परिसर में 11 मार्च से 17 मार्च तक होने वाली रामकथा के लिए प्रख्यात संत मोरारी बापू कार द्वारा आयोजन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने वहां आते ही परिसर में बने हनुमान मंदिर के दर्शन किए और अपनी कथा पौथी को हनुमान जी के चरणों में रखा। इसके बाद वे संत रणछोड़दास जी के दर्शन करने भी गए और फिर सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट निकल गए। इस बीच उन्होंने आयोजकों से चर्चा की और फिर अपने लिए बनाई गई कुटिया में विश्राम के लिए चले गए। यहां पहले दिन 11 मार्च को शाम 4.30 बजे से वे रामकथा का शुभारंभ करेेंगे। इसके बाद 12 मार्च से 19 मार्च तक सुबह 9.30 बजे से कथा होगी।
रामकथा से पहले संस्था द्वारा हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए व्यवस्थाओं को संभाल रहे महाराष्ट्र के अरुण भाई ने बताया कि रोजाना कथा स्थल पर ही 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के भोजन की व्यवस्था की गई है। और अधिक लोगों के हाेने की िस्थति में भी सभी के लिए भोजन प्रसादी कराई जाएगी। आयोजकों ने क्षेत्र के लोगों से भी इस धार्मिक महोत्सव का लाभ उठाने और प्रसादी ग्रहण करने की अपील की है। आयोजकों ने बताया कि मोरारी बापू अपनी कथाओं में अक्सर गुरुदेव रणछोड़ दास महाराज का जिक्र करते रहे हैं और उन्हीं की कृपा से बापू यहां कथा करने आ रहे हैं। पहले दिन की कथा शाम 4 बजे से 7 बजे तक होगी। कथा से पहले 4 बजे रामदास हनुमान मंदिर से कथा पंडाल तक करीब सौ मीटर की कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद बापू मंच पर आएंगे और रामकथा का शुभारंभ करेंगे। रविवार 12 मार्च से 19 मार्च तक कथा सुबह 9.30 बजे से 1.30 बजे तक होगी।
70 से ज्यादा एनआरआई आ रहे
आयोजकों ने बताया कि मोरारी बापू की रामकथा में करीब 70 एनआरआई भी आ रहे हैं, इनकी संख्या बढ़ भी सकती है। उनके रहने की व्यवस्था सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट में ही की गई है। साथ ही देश के महाराष्ट्र, गुजरात सहित अनेक राज्यों से सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मोरारी बापू की कथा में शामिल होने आ रहे हैं।
15 हजार से ज्यादा लोगों का पंडाल
सदगुरूनगर में मोरारी बापू की कथा का जो पंडाल बनाया गया है उसमें लगभग 15 हजार श्रद्धालु एक साथ बैठ सकेंगे। मौसम खराब होने के कारण कथा स्थल पर तैयारियों में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब सब व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो गई हैं। कथा स्थल पर ही भोजनशाला के लिए अलग से टेंट लगाया गया है। यहां कथा के बाद श्रद्धालु भोजन प्रसादी ग्रहण कर सकेंगे। वाहन पार्किंग के लिए प्रशासन के अधिकारियों से भी बात हो चुकी है और वह पूरा सहयोग कर रहे हैं।
Published on:
10 Mar 2023 09:58 pm
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