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सुषमा स्वराज को मोदी ने बुलाया, दोबारा बन सकती हैं कैबिनेट मंत्री

इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतरी सुषमा स्वराज को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री के आफिस से सुषमा स्वराज को फोन किया गया।

विदिशाMay 30, 2019 / 02:50 pm

Manish Gite

bjp

विदिशा। इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतरी सुषमा स्वराज को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री के आफिस से सुषमा स्वराज को भी फोन कर बुलाया गया है। थोड़ी देर में सुषमा स्वराज भी प्रधानमंत्री से मिलने जाएंगी।

मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी सुषमा स्वराज मोदी कैबिनेट में विदेश मंत्री रह चुकी हैं। उन्हें गुरुवार को प्रधानमंत्री आफिस (PMO) से फोन आया है। सुषमा स्वराज के अलावा मध्यप्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, ढालसिंह बिसेन, धर्मेंद्र प्रधान और प्रहलाद पटेल को भी बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इन सभी को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। सुषमा के मंत्री बनाए जाने की सुगबुगाहट पर विदिशा क्षेत्र में उनके समर्थकों में खुशी छा गई है। कई लोग एक-दूसरे को बधाई देते देखे गए। इस बार सुषमा स्वराज के ही करीबी माने जाने वाले रमाकांत भार्गव को विदिशा से उतारा गया था, जहां उन्होंने काफी अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित कर दिया।

 

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यह था सबसे बड़ा सवाल
2014 के मोदी कैबिनेट में शामिल हुए सुषमा स्वराज की भूमिका बदलेगी या रहेगी, इस पर काफी समय से सवाल बना हुआ था। कुछ माह पहले सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ने का भी ऐलान किया था। सुषमा के साथ ही राजनाथ सिंह और अरुण जेटली के लिए भी यही सवाल बना हुआ था। अरुण जेटली बीमारी का हवाला देकर मंत्री बनने से इनकार कर चुके हैं। जबकि राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज को बुलाया गया है।

 

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यह भी है खास
-अरुण जेटली राज्यसभा सदस्य हैं। जबकि सुषमा इस बार किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं।
-कयास लगाए जा रहे थे कि यदि सुषमा को दोबारा मंत्री बनाने पर फैसला हुआ तो राज्यसभा के रास्ते उन्हें सरकार में शामिल किया जाएगा।

 

 

तो राज्यसभा में मिलेगा दमदार नेता
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सुषमा स्वराज इस बार कोई चुनाव नहीं लड़ीं, न ही राज्यसभा में पहुंची है। इसलिए उन्हें दोबारा से मंत्री बनाकर राज्यसभा सदस्य बनाया जा सकता है। क्योंकि मोदी सरकार को राज्यसभा में विपक्ष के हमलों को झेलने और पलटवार करने के लिए सुषमा स्वराज के रूप में एक दमदार नेता मिल जाएगा। क्योंकि बीमारी के कारण राज्यसभा सदस्य अरुण जेटली के बाद कोई दमदार नेता सुषमा स्वराज हो सकती हैं।

 

 

यह भी बनेंगे मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्तार अब्बास नकवी, जेपी नड्डा, गिरीराज सिंह, आरके सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर और पश्चिम बंगाल की बैरकपुर सीट से जीतने वाले अर्जुन सिंह के नाम शामिल हैं। बीजेपी के सहयोगी दलों में एलजेपी के अध्यक्ष रामविलास पासवान, अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल, अकाली दल से हरसिमरत कौर और आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवाले भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

 

 

6 बार सांसद रही सुषमा
-सुषमा का जन्म हरियाणा के अम्बाला कैंट में 14 फरवरी 1953 को हुआ था।
-सुषमा के पिता RSS के प्रमुख सदस्य थे। अम्बाला कैंट के एसएसडी कॉलेज से BA करने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली।
-1973 से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी।
-सुषमा 6 बार सांसद, 3 बार विधायक और 15वीं लोकसभा में 2009-2014 तक राज्यसभा में नेता विपक्ष रह चुकी हैं।
-जुलाई 1977 में उन्हें चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था, तब वे महज 25 साल की थीं।
-सुषमा स्वराज ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
-मध्यप्रदेश के विदिशा-रायसेन लोकसभा सीट से वे 2 बार से सांसद हैं।

लोकसभा चुनाव 2014
भाजपा से सुषमा स्वराज को मिले 7,14,348 वोट।
कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह को मिले 3,03,650 वोट।

लोकसभा चुनाव 2009
सुषमा स्वराज को 438235 वोट मिले थे।
चौ.मुनव्वर सलीम सपा को 48391 वोट मिले।
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