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सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक

विषयवार करते हैं शंकाओं का भी समाधान

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Teachers teaching government school students online

Teachers teaching government school students online

गोविन्द सक्सेना. विदिशा. लॉक डाउन और कभी कफ्र्यू के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं, कब खुलेंगे इसका ठीक से अंदाज नहीं है। ऐसे विषम हालात में बच्चे पढ़ाई और अपने कोर्स से दूर न हो जाएं, इसलिए शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 12 तक व्यवस्था की है। राज्य शिक्षा केन्द्र और लोक शिक्षण संचालनालय से रोजाना अध्यापन सामग्री आती है, जिससे शिक्षक घर बैठे ही एप के माध्यम से बच्चों को मोबाइल पर जोड़कर व्हाट्सऐप और वीडियो के माध्यम से अध्यापन करा रहे हैं। इसमें विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी रोज किया जा रहा है।

बीआरसी से शिक्षक तक जाती है सामग्री
यह व्यवस्था उन सभी बच्चों के लिए बहुत कारगर साबित हो रही है, जिनके घरों में किसी के भी पास एंड्राइड फोन है। कक्षा 1 से 8 तक के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र और 9 से 12 के लिए लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अध्यापन सामग्री रोज सुबह 10 बजे आ जाती है, जिसे प्राथमिक स्तर के लिए सभी बीआरसी, बीईओ, बीएसी, सीआरसी और प्राथमिक शाला के प्रभारियों को भेजा जाता है। ये प्रभारी अपने शिक्षकों को देते हैं जो बच्चों को व्हाट्सअप गु्रप के जरिए भेजकर पढ़ाते हैं।

208 प्राचार्यों का बनाया है ग्रुप
हाईस्कूल और हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों के लिए लोक शिक्षण संचालनालय से आने वाली सामग्री के लिए जिले के 208 प्राचार्यों का गु्रप बनाया गया है। ये प्राचार्य विषयवार कक्षाध्यापकों को यह शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराते हैं। शिक्षकों ने भी अपनी कक्षाओं के अनुसार बच्चों के पालकों का व्हाट्सऐप गु्रप बना रखा है, जिसमें एक निश्चित समय पर सभी को पठन पाठन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

उत्कृष्ट के विद्यार्थी पढ़ रहे ऐप से
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की प्राचार्य चारू सक्सेना बताती हैं कि उनके स्कूल में पिछले काफी दिनों से ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। इसमें सभी कक्षाओं के शिक्षक और बच्चे जुड़े हुए हैं। सभी बच्चों के व्हाट्सऐप गु्रप बनाए गए हैं, उसके माध्यम से जूम ऐप को जोड़ा गया है। शिक्षक ग्रुप में एक निश्चित समय देते हैं और गु्रप के सभी विद्यार्थी अपना एप खोल लेते हैं। एक साथ करीब 100 बच्चे तक इससे विषयवार पढ़ाई कर रहे हैं।संकट के समय में यह बहुत कारगर तरीका है। शिक्षकों की मीटिंग और जरूरी निर्देशों को उन तक पहुंंचाने के लिए हम भी यही तरीका अपनाते हैं।

बच्चे पढ़ाई से दूर न हो जाएं, इसलिए विभाग ने ये तरीका अपनाया है। इससे जिले के करीब 1 लाख विद्यार्थियों के लाभान्वित होने का अनुमान है। प्रयास हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इससे जुड़ें।
-एसपी त्रिपाठी, जिला शिक्षाधिकारी विदिशा