
MP में यहां बन रहे हैं अंतरराष्ट्रीय खेल गांव, 12 कोर्ट में होंगे विभिन्न गेम
विदिशा. खेलों और खिलाडिय़ों के नाम पर जिले में लापरवाही का खेल चल रहा है। सरकार की लाख मंशा हो कि विदिशा जिला खेलों में अव्वल हो जाए, खिलाडियों को सुविधा मिले। ऐसे स्टेडियम और खेल मैदान हों जहां क्षेत्र के खिलाड़ी अपना अभ्यास कर खुद को तराश सकें, लेकिन अफसरशाही के आगे सरकार की मंशा और सारे प्रयास भी अदना साबित हो रहे हैं।
गंजबासौदा में 2006 में स्वीकृत स्टेडियम का अभी एस्टीमेट भी नहीं बन सका है। लटेरी में बनने वाले खेल प्रशिक्षण केन्द्र के लिए करीब सवा तीन लाख खर्च होने के बाद ड्राइंग ही बदल दी और काम शुरू ही नहीं हुआ। सिरोंज में खेल प्रशिक्षण केन्द्र बना तो लेकिन वह खिलाडिय़ों के किसी खेल के लायक नहीं।
गंजबासौदा: 2006 से अब तक एस्टीमेट तक नहीं
खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने 2006 में गंजबासौदा में स्टेडियम बनाने के लिए 50 लाख रूपए स्वीकृत किए थे। उस समय युवाओं और खिलाडिय़ों ने बड़ी खुशी जाहिर की थी कि इतने वर्षों बाद ही सही बासौदा में खिलाडिय़ों के लिए कुछ सोचा तो गया। लेकिन उनके सपने और उनकी खुशी अब तक परवान नहीं चढ़ पाई।
स्टेडियम के लिए पहले लोक निर्माण विभाग ने काम शुरू किया और संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय परिसर में ही काम शुरू करा दिया। ठेकेदार ने बाउंड्रीवाल भी बनाई, लेकिन घटिया निर्माण के कारण जब बाउंड्रीवाल एक झटके में ही धराशायी हो गई तो निर्माण की राशि ठेकेदार से वसूल ली गई। इसके बाद काफी अर्से तक निर्माण ठप रहा।
अब जब फिर स्टेडियम की बात शुरू हुईतो पीआईयू को निर्माण का काम सौंपा गया। पीआईयू की टीम ने एसजीएस परिसर में स्टेडियम के अनुरूप जगह कम होना बताकर वहां के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद रजौदा में जमीन को तलाशा गया,4 हेक्टयर जमीन का चयन भी हो गया।लेकिन दुर्भाग्य अब तक यहां जमीन की औपचारिकताएं पूरी कर स्टेडियम का एस्टीमेट तक नहीं बन सका है।
लटेरी: 3 लाख से ज्यादा खर्च के बाद ड्राइंग बदला
विकास की दृष्टि से काफी पिछड़े क्षेत्र में गिने जाने वाले लटेरी में भी खेल विभाग की योजनाएं कारगर नहीं हो सकीं। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने 2013 में यहां खेल प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत किया था। लेकिन सरकारी लापरवाही का आलम यह है कि खेल प्रशिक्षण केन्द्र का काम 5 वर्ष में भी शुरू नहीं हो सका। करीब 45 लाख रूपए से स्वीकृत इस निर्माण से जुड़े विभाग और अधिकारियों ने 3 लाख 12 हजार रूपए खर्च कर दिए और फिर ड्राइंग बदल दी। अब फिर से मामला प्रशासकीय स्वीकृति में उलझा दिया गया है, स्वीकृति मिलने और काम शुरू होकर खत्म होने में फिर वर्षों लग जाएंगे।
सिरोंज: 56 लाख खर्च, लेकिन खिलाडिय़ों के काम का नहीं मैदान
सिरोंज में भी खेल प्रशिक्षण केन्द्र 2010 में स्वीकृत हुआ था। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से यहां निर्माण हुआ। करीब 64 लाख से होने वाले निर्माण में 56 लाख रूपए से निर्माण हो चुका है। लेकिन विभाग इस मैदान को अधिग्रहित करने को तैयार नहीं। विभाग का कहना है कि यह खेल प्रशिक्षण केन्द्र समतल भी नहीं हुआ है। परिसर किसी भी खेल के लायक नहीं है। जगह-जगह पत्थर और ऊबड़-खाबड़ है, बाउंड्रीवाल भी कहीं ऊंची और कहीं नीची बनी है।
-तीनों निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। गंजबासौदा में स्थान परिवर्तन हुआ है, अभी नए स्थान का एस्टीमेट बनना है। लटेरी में प्रशासकीय स्वीकृति मांगी गई है। जबकि सिरोंज का खेल प्रशिक्षण केन्द्र समतल तक नहीं हुआ है। वह खेलने लायक नहीं है। -पूजा कुरील. जिला खेल अधिकारी, विदिशा
Published on:
27 Jun 2018 12:28 pm
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