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Hospital से गर्भवती को भगाया तो Toilet में हो गया प्रसव

परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए अभद्रता के आरोप, किया हंगामा

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Hospital से गर्भवती को भगाया तो Toilet में हो गया प्रसव

Hospital से गर्भवती को भगाया तो Toilet में हो गया प्रसव

विदिशा. जिला चिकित्सालय में एक बार फिर मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखकर मरीजों से अभद्र व्यवहार और उनकी जांच किए बिना ही अस्पताल से भगाने का मामला सामने आया है। कुरवाई से रेफर होकर आई एक गर्भवती को अस्पताल से भगा देने का और महिला चिकित्सक पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप प्रसूता के परिजनों ने लगाया है। अस्पताल से भगाने पर गर्भवती पीड़ा से कराहते हुए जब टॉयलेट गई तो उसे अस्पताल के टॉयलेट में ही प्रसव हो गया और उसने शिशु को जन्म दिया। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।उधर सिविल सर्जन ने पीडि़तों की शिकायत पर जांच समिति गठित कर मामले की जांच शुरू कराई है। घटना सुबह करीब 6 बजे की है। कुरवाई के कूल्हन गांव की आरती पत्नी राहुल वंशकार को पहले प्रसव पीड़ा के कारण कुरवाई ले जाया गया था। लेकिन वहां से उसे रेफर कर जिला चिकित्सालय भेज दिया गया। परिजन आरती को लेकर बुधवार की सुबह 10 बजे जिला चिकित्सालय आ गए। यहां लगातार आरती को प्रसव पीड़ा होती रही। परिजनों का आरोप है कि डॉ नेहा जैन ने उसे अभी प्रसव होने से मना कर दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए जाने को कहा। किसी तरह रात काटी, सुबह फिर दर्द होने पर डॉक्टर से कहा तो उन्होंने अस्पताल से निकल जाने का कह दिया। इस पर आरती टॉयलेट चली गई जहां बैठते ही उसने शिशु को जन्म दे दिया। यह पता चलते ही परिजनों ने हंगामा कर दिया, तब एक नर्स बच्चे और प्रसूता को लेकर अंदर गई। इस बीच परिजनों ने हल्ला मचाते हुए डॉ नेहा जैन पर आरोप लगाए और उन पर कार्रवाई की मांग की। आरती की सास अनीताबाई ने कहा कि हमें कुरवाई से यहां भेजा गया, लेकिन यहां डाॅक्टर यही कहती रहीं कि बच्चा अभी नहीं होगा। बहू को बार बार दर्द हो रहा था, हमारे डॉक्टर से कहने पर उन्होंने बहू को जच्चा खाने से भगा दिया। इसक बाद टॉयलेट गई आरती को टॉयलेट में ही बच्चा हो गया। हंगामे की जानकारी मिलते ही सुबह 7 बजे ही सिविल सर्जन डॉ शिशिर रघुवंशी जिला चिकित्सालय पहुंचे और परिजनों की शिकायत सुनकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों ने उन्हें लिखित में डॉ नेहा जैन की शिकायत की है।

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वर्जन...

गर्भवती को बुधवार को भर्ती कराया गया था। उसे सात-साढ़े सात माह का गर्भ था। लेबर रूप में भी उसे ले गए थे। लेकिन सुबह जब वह टॉयलेट गई तो जोर लगाते ही बच्चा बाहर आ गया। इससे भीड़ आक्रोशित थी। मैं सुबह ही पहुंच गया था। सबको समझाया है। लिखित शिकायत में डॉ नेहा जैन के अभद्र व्यवहार की शिकायत आई है। जांच कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट देने को कहा है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।

-डॉ शिशिर रघुवंशी, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय विदिशा