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सफेद गेहूं देख मंडी प्रबंधन ने खरीदी की लॉक, किसानों के चेहरों से खुशी डाउन

खरीदी केंद्रों पर पहले ही दिन बिना अनाज बेचे लौटे ज्यादातर किसान

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Wheat procurement centers : Rejected due to rain affected wheat, angry farmers

Wheat procurement centers : Rejected due to rain affected wheat, angry farmers

विदिशा. जिले में समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी के लिए बुधवार से खरीदी केंद्र शुरू हुए हैं। किसान बड़ी उम्मीदों से अपनी फसल लेकर इन केंद्रों पर पहुंचे लेकिन अधिकांश किसानों की फसल के सैंपल रिजेक्ट हो गए। बारिश से भीगने के कारण गेहूं की चमक चली जाने से इस गेहूं को सफेद गेहूं मानते हुए अमान्य कर दिया गया। इससे किसानों में गुस्सा है। उन्हें खरीदी के पहले ही दिन बिना फसल बेचे अपने घर लौटना पड़ा है। मालूम हो कि जिले में गेहूं की खरीदी के लिए 199 केंद्र शुरू हुए है। इसमें सबसे बड़ा केंद्र साइलो 17 सोसायटियों का खरीदी केंद्र है। सुबह से यहां किसानों की गेहूं से भरी ट्रॉली आना शुरू हो गई थी। हर सोसाइटी से 6 किसान आने हैं। इस तरह हर दिन 102 किसानों का अनाज यहां तुलना है। इसलिए यहां ट्रॉलियों की लंबी कतार लगी रही लेकिन गेहूं खरीदी के मापदंड से किसान संतुष्ट नहीं थे।

विधायक पहुंचे सायलो, रिजेक्ट सैंपल देखे
व हीं किसानों की शिकायत पर विधायक शशांक भार्गव सायलो खरीदी केंद्र पहुंचे। वहां उन्होंने प्रबंधक से चर्चा की और रिजेक्ट किए गए गेहूं के सैंपल देखें। उन्होंने प्रबंधक से कहा कि गेहूं गुणवत्ता युक्त है, सिर्फ बारिश से चमक चली गई। इसे खरीदा जा सकता है। इस पर प्रबंधक विवेकानंद घोष ने कहा कि इस तरह के गेहूं को खरीदने की उन्हें परमिशन नहीं है। इस दौरान किसानों ने कहा कि इस तरह की सूचना पहले ही दे दी जाती तो उन्हें अनाज से भरी ट्रॉली लेकर यहां नहीं आना पड़ता। विधायक ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। इस दौरान किसान नेता मोहर सिंह रघुवंशी एवं नंदकिशोर शर्मा भी मौजूद रहे।

अन्य केंद्रों पर भी बनी ऐसी ही नौबत
जिले के अन्य खरीदी केंद्रों पर भी ऐसी ही नौबत बनी। देवखजूरी खरीदी केंद्र से जुड़े किसानों ने बताया कि यहां किसान गेहूं बेंचने पहुंचे थे लेकिन केंद्र में कुछ अधिकारी आए और सोसायटियों के कर्मचारियों को चमक विहीन गेहूं खरीदने का मना कर दिया। इससे किसानों को अपना अनाज वापस लेकर जाना पड़ा। खरीदी केंद्र करारियाए कागपुर आदि कई केंद्रों में भी ऐसी ही स्थिति बनी और किसान बारिश से प्रभावित हुए अपने गेहूं को खरीदी केंद्र पर नहीं बेच पाए।

गेहूं बिका नहीं 5 हजार लाने में खर्च हो गए
इ सी तरह ग्राम पडऱात के किसान बहोरसिंह दांगी, विनोद दांगी ने बताया कि उन्हें 150 क्विंटल अनाज का मैसेज मिला था। वे 30 किलोमीटर दूर से इस सायलो केंद्र आए 1 हजार रुपए डीजल पर खर्च हुआ। 300 रुपए ट्रॉली में अनाज भरवाई लग गई। 500 रुपए ट्रैक्टर चालक को दिए और ढाई हजार रुपए किराए की ट्रॉली में खर्च हो गए। इस तरह 5 हजार रुपए उनके खर्च हो गए और गेहूं बिका नहीं। सफेद गेहूं बताकर उन्हें वापस किया जा रहा है।

किसान बोले- पिछले वर्षों में ऐसा गेहूं बेचा, अब अमान्य कर रहे है
गे हूं के सैंपल रिजेक्ट होने से नाराज ग्राम कुआखेड़ी के किसान राजेश भावसार ने बताया कि पूर्व वर्षों में भी गेहूं की फसल बारिश से प्रभावित होती आई है लेकिन हमने इसी केंद्र पर ऐसा गेहूं बेचा पर इस वर्ष मना कर रहे हैं। वे 40 क्विंटल गेहूं लेकर 20 किलोमीटर दूर से आए थे और सैंपल रिजेक्ट कर देने से अब उन्हें बिना अनाज बेचे लौटना पड़ रहा है।

चमक विहीन गेहूं को खरीदी में छूट दिए जाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। एफसीआई की टीम ने गेहूं के सैंपल भी लिए हैं। एक-दो दिन में इस पर निर्णय होना संभावित है।
-रश्मि साहू, जिला खाद्य अधिकारी