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महाभारत के 36 साल बाद इस शख्स की वजह से भगवान श्रीकृष्ण ने त्यागा था अपना शरीर, यहां आज भी मौजूद है प्रमाण

Published: Sep 05, 2018 01:45:26 pm

Submitted by:

Arijita Sen

आपने श्रीकृष्ण से संबंधित कई बातों को पढ़ा या सुना होगा, लेकिन उन्होंने कब, कहां और कैसे अपने प्राण त्याग दिए इस बारे में कम लोगों को ही पता है।

भगवान श्रीकृष्ण

महाभारत के 36 साल बाद इस शख्स की वजह से भगवान श्रीकृष्ण ने त्यागा था अपना शरीर, यहां आज भी मौजूद है प्रमाण

नई दिल्ली। हाल ही में देशभर में जन्माष्टमी के त्यौहार का पालन धूमधाम से किया गया। भद्र मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। संसार को पाप से बचाने के लिए समय-समय पर भगवान भौतिक रूप में धरती पर अवतरित हुए हैं। अब जब संसार में किसी कारणवश उनका आगमन हुआ है तो जाहिर है प्रस्थान की भी कोई न कोई वजह अवश्य ही रही होगी। आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु से जुड़ी कुछ बातों का जिक्र करेंगे।

भगवान श्रीकृष्ण

जैसा कि हम जानते ही हैं कि द्वापर युग में जन्म लेने वाले कृष्ण विष्णु के 8वें अवतार हैं। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आप सभी ने श्रीकृष्ण से संबंधित कई बातों को पढ़ा या सुना होगा, लेकिन उन्होंने कब, कहां और कैसे अपने प्राण त्याग दिए इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है।

भालका तीर्थ

मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध हुआ था तब श्री कृष्ण लगभग 56 वर्ष के थे।इसके अनुसार 3020 ईसा पूर्व यानि कि 92 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।

भालका तीर्थ

भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु से संबंधित एक बहुत ही मशहूर कहानी प्रचलित है जिसका जिक्र हम आज करेंगे। कहा जाता है कि एक दिन द्वारका के एक वन में एक पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान श्रीकृष्ण योगनिद्रा में लेटे हुए थे। तभी ‘जरा’ नामक एक बहेलिए ने अज्ञातवश उन्हें हिरण समझकर विषयुक्त बाण चला दिया।

भालका तीर्थ

यह बाण सीधे उनके पैर के तलवे में जाकर लगा। इसी को बहाना बनाकर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्राण त्याग दिए।जिस जगह पर‘जरा’ने श्रीकृष्ण को तीर से घायल किया था उसे आज ‘भालका’ तीर्थ के नाम से जाना जाता है।

भालका तीर्थ

यहां आज एक मंदिर है जहां एक पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा है जिसमें वह लेटे हुए हैं। इस प्रतिमा के पास ही ‘जरा’ की एक प्रतिमा भी बनाई गई है जिसमें वह हाथ जोड़े खड़ा हुआ है।

भालका तीर्थ

हिसाब के अनुसार महाभारत के ठीक 36 साल बाद श्रीकृष्ण ने अपना देह त्याग दिया था।

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