मांझी समुदाय के लोगों में कीचड़ के खेल का आयोजन किया जाता है, इससे शादी का महौल अच्छा रहता है
लड़की पक्ष के लोग अपना शौर्य दिखाने के लिए लड़के वालों पर मिट्टी फेंकते हैं
यहां फूलों से नहीं कीचड़ से होता है बरातियों का स्वागत, किस्सा जान रोक नहीं पाएंगे हंसी
नई दिल्ली। किसी भी शादी में लोग बारातियों का स्वागत बड़े धूमधाम से करते हैं। उनकी शान-ओ-शौकत में कोई कमी नहीं रखते हैं। मगर देश में एक ऐसी भी जगह है जहां बारातियों का स्वागत फूल-मालाओं से नहीं बल्कि कीचड़ से होता है। इस स्थान का नाम अंबिकापुर है।
छत्तीसगढ़ में स्थित इस जगह में ये अजीबो-गरीब रस्म निभाई जाती है। इस परंपरा का चलन मैनपाट के मांझी समुदाय में है। ये परंपरा वे काफी सदियों से निभाते हुए आए हैं। यहां किसी भी शादी समारोह में लड़की पक्ष के लोग अपना शौर्य दिखाने के लिए एक खेल का आयोजन करते हैं। इसमें लड़की वाले लड़के पक्ष के लोगों पर कीचड़ फेंकते हैं।
कछुए के नहीं थे पैर, डॉक्टरों ने पहिए लगाकर बनाया उसे फिट माना जाता है कि लकड़ी पक्ष के लोग जितने ज्यादा लोगों को कीचड़ से सराबोर करते हैं, वे उतने ही श्रेष्ठ माने जाते हैं। इससे शादी के बाद भी लड़की वालों को दबना नहीं पड़ता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कीचड़ के इस खेल से लड़की और लड़के पक्ष के लोग आपस में ज्यादा घुल मिल जाते हैं। इससे उनका संबंध अच्छा रहता है।