
शेषनाग पर इसलिए विष्णु जी फरमाते हैं आराम, इन्हें बिस्तर बनाने के पीछे इस राज से आप भी होंगे अनजान
नई दिल्ली। भगवान विष्णु की अपार महिमा के बारे में अगल से कुछ बताने की जरूरत नहीं है। जगत के पालनहार माने जाने वाले विष्णु जी अल्प से ही संतुष्ट हो जाते हैं और अपने भक्तों के दुखों को हर लेते हैं। गुरूवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा करने से विष्णु जी इंसान के दुखों को हर लेते हैं और कष्टों का निवारण करते हैं।
भगवान विष्णु गरुड़ की सवारी करते हैं और क्षीर सागर में शेषनाग पर आराम फरमाते हैं। क्या आपके दिमाग में कभी यह सवाल आया कि आखिर विष्णु जी ने बिस्तर के तौर पर शेषनाग को ही क्यों चुना? क्या है इसके पीछे की वजह? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान विष्णु किस वजह से शेषनाग पर लेटकर आराम करते हैं?
आप सभी को यह तो पता ही होगा कि जब बाल कृष्ण को वासुदेव यमुना नदी पार कर गोकुल के नंदभवन पहुंचा रहे थे तब शेषनाग ने ही अपने फन से बारिश के पानी को रोककर उनकी रक्षा की थी। ऐसा माना जाता है कि शेषनाग भगवान विष्णु के रक्षक के तौर पर काम करते हैं।
इसके पीछे का एक और बड़ा कारण यह है कि इससे उन्हें खुद की उर्जा को एकत्रित करने में मदद मिलती है और इस वजह से वह अपने विचारों को सही से व्यक्त कर पाते हैं।
पुराणों में तो ऐसा भी कहा गया है कि विष्णु जी का यह रूप समय का मार्गदर्शक है। इस अवतार में वह धरती पर बढ़े हुए पाप का विनाश करते हैं और इसके साथ ही शेषनाग पर लेटे रहने से ग्रहों-नक्षत्रों पर नियंत्रण कर पाने में उन्हें आसानी रहती है।
Published on:
11 Jan 2019 02:41 pm
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