
यहां होली के दिन लड़की को भगाकर लड़का कर लेते है शादी, गुलाल लगाकर इस तरह उसे बना लेता है अपना
नई दिल्ली।भील आदिवासियों में होली की प्रथा बेहद ही अलग तरह से मनाई जाती है। होली के दिन यहां लोग बाजार यानी हाट में खरीदारी के साथ-साथ अपने लिए साथी ढूंढने आते हैं। जैसा की हम जानते हैं कि देश के हर प्रांत में होली मानाने का तरीका अलग-अलग है। भील आदिवासी होली को भगोरिया कहते हैं। मध्यप्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों में होने वाली इस प्रथा में आदिवासी लड़के एक खास तरह का वाद्ययंत्र बजाकर नृत्य करते हैं और नृत्य करते-करते जब युवक किसी युवती के मुंह पर गुलाल लगाता है और वह भी बदले में गुलाल लगा देती है तो मान लिया जाता है कि दोनों विवाह सूत्र में बंधने के लिए सहमत हैं। लड़का फिर लड़की को अपने साथ भगाकर ले जाता है और दोनों की शादी हो जाती है। युवती द्वारा प्रत्युत्तर न देने पर युवक दूसरी लड़की की तलाश में जुट जाता है।
बता दें कि इस समुदाय के लड़के-लड़कियां पूरे साल इस पर्व का इंतजार करते हैं। हर साल होली के समय होने वाले प्रणय पर्व भगोरिया मेला का इंतजार भील युवक-युवतियां पूरे साल करते हैं। इस दौरान भील समुदाय के लोग कहीं भी हों वो घर वापस जरूर आते हैं। गुजरात के भील समुदाय के लोग होली के पावन अवसर पर विवाह का एक दिलचस्प प्रकार गोल गधेड़ो लोक नृत्य के रूप में आयोजित होता है। इसके साथ ही देश में पाई जानी वाली कई प्रमुख जनजातियों में विवाह के अलग-अलग विधाओं का प्रचलन है। गोल गधेड़ो लोक नृत्य में एक गोले एक अंदर गुड़ और नारियल बांध दिया जाता है।
इसके बाद लड़के के चारों ओर युवतियां घेरा बनाकर नाचती हैं। युवक इस घेरे को तोड़कर गुड़ नारियल प्राप्त करने का प्रयास करता है जबकि युवतियों द्वारा उसका ज़बरदस्त विरोध होता है। अक्सर इस विरोध से वह बुरी तरह से घायल भी हो जाता है। बाधा को तोड़कर अगर कोई युवक गुड़ नारियल ले लेता है तो वह घेरे में नृत्य कर रही अपनी प्रेमिका या किसी भी युवती के लिए होली का गुलाल उड़ाता है।
Updated on:
18 Mar 2019 04:52 pm
Published on:
18 Mar 2019 04:48 pm
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