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Mysterious Temple Of Maa Durga In Dewas: क्या है देवास के दुर्गा मां मंदिर का रहस्य

Mysterious Temple Of Maa Durga In Dewas: सूर्यास्त के बाद तो देवास के इस मंदिर में पांव रखने की भी कोई हिम्मत नहीं करता है। तरह-तरह के भयभीत कर देने वाले किस्से-कहानियां सुनकर आए श्रद्धालु भी सूरज ढलने से पहले वापस चले जाते हैं।

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नई दिल्ली। Mysterious Temple Of Maa Durga In Dewas: इस दुनिया में आस्था और अंधविश्वास सदियों से चले आ रहे हैं। साथ ही हर विषय और वस्तु के बारे में लोगों के मतभेद होना भी आम बात है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में लोगों की अलग-अलग मान्यताएँ हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यह मंदिर जाग्रत है, तो कुछ इस मंदिर को शापित मानते हैं। इसके अलावा कईयों का दावा है कि, इस मंदिर की देवी भोग में बलि मांगती हैं तो, कुछ मानते हैं कि यहाँ एक महिला की आत्मा का वास है। और ना जाने क्या-क्या। क्योंकि कहते हैं ना कि, जितने मुँह, उतनी बातें। तो आइए जानते हैं कि, यह मंदिर कहां स्थित है और श्रद्धा से ज्यादा यहां के लोगों में इस मंदिर से भय क्यों हैं...

दरअसल, यह मंदिर मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित स्थित है। यह एक प्राचीन दुर्गा माता का मंदिर है, जिससे कई उपाख्यान जुड़े हुए हैं। कहते हैं कि इस मंदिर को बनवाने के बाद से ही देवास के महाराजा के राजघराने में अशुभ घटनाएँ होने लगीं। परिवार में क्लेश होने लगे। देवास के स्थानीय लोगों का कहना है कि, वहां की राजकुमारी के राज्य के सेनापति से प्रेम संबंध थे। लेकिन राजा उसके खिलाफ था। और तब गुप्त परिस्थितियों में राजकुमारी की मृत्यु हो गई। वहीं उस प्रेमी सेनापति ने भी मंदिर परिसर में आत्महत्या कर ली। जिसके पश्चात राजा को राजपुरोहित ने सलाह दी कि अब वह मंदिर अपवित्र हो चुका है। इसलिए मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्ति को यहाँ से हटाकर कहीं और स्थापित कर देना चाहिए।

राजपुरोहित की सलाह मानकर राजा ने उस मंदिर से दुर्गा माता की मूर्ति को हटाकर पूरे सम्मान के साथ उज्जैन के बडे़ गणेश मंदिर में स्थापित करवा दिया। लेकिन मूर्ति हटाने के बाद मंदिर में जगह खाली ना छूटे, इसलिए राजा ने माँ की एक प्रतिमूर्ति को रिक्त स्थान पर रखवा दिया। परंतु इसके बाद भी इस मंदिर में होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं रुकी नहीं।

कहा जाता है कि कुछ लोगों ने मंदिर की जमीन हड़पने के लिए उस मंदिर को तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन नाकामयाब रहे। और इस मंदिर को जिसने भी तोड़ना चाहा, सभी लोगों के साथ अजीबोगरीब घटनाएँ हुईं। जैसे मंदिर को ध्वस्त करने के लिए कार्यरत मजदूरों को गुंबद से आग निकलती हुई दिखाई दी। इस डर के कारण मंदिर को तोड़ने का काम बीच में ही रोक दिया गया। और अब यह दुर्गा माता का मंदिर सुनसान पड़ा रहता है। सुनसान होने के कारण यदि कोई इंसान वहां बुरे काम करने की फिराक में भी आता है तो, उसे शारीरिक कष्ट उठाना ही पड़ता है।

आज भी यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि, इस मंदिर से बहुत अजीब सी आवाजें आती हैं। कभी शेर के दहाड़ने की आवाज तो, कभी घंटों का नाद सुनाई देता है। और कभी-कभी तो सफेद कपड़े पहने एक औरत की परछाई दिखाई देती है। इसी कारण से सूर्यास्त के पश्चात यहाँ के लोग इस मंदिर की ओर जाने से भी डरते हैं ।

हालांकि इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है कि, ये किस्से सच हैं या अफवाह! परंतु दुर्गा मां के इस मंदिर से जुड़े इन्हीं अजीबोगरीब किस्सों के कारण इस मंदिर की कोई सुध भी नहीं लेता। मंदिर के वास्तु को देखने पर लगता है कि यह मंदिर अपने समय में काफी खूबसूरत रहा होगा। लेकिन अब यह पूरी तरह खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है।

वैसे मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा भाग लेकर कई लोग यहां दर्शन के लिए आते तो हैं, परंतु वे भी ऐसे अजीबोगरीब किस्से सुनकर और कल्पित डर के कारण शाम होने से पूर्व ही मंदिर परिसीमा से बाहर निकल जाते हैं।