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कलावंती किले में रात होते ही छा जाता है सन्नाटा, कई लोगों की हुई है मौत

Kalawantin Fort : माथेरान और पनवेल जगह के बीच पड़ता है ये किला यह किला 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बना हुआ है

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Kalawantin Fort

नई दिल्ली। देश में राजा-महाराजाओं ने कई किले बनवाए हैं। जो देखने में तो काफी आकर्षक है, लेकिन कई किले रहस्यमयी भी है। इन्हीं में से एक है प्रबलगढ़ किला। ये महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित है। यह किला कलावंती किले (Kalvantin Fort) के नाम से मशहूर है। इस किले में रात होते ही महौल बदल जाता है। बताया जाता है कि यहां से गिरने की वजह से कई लोग अपनी जान गवां चुकु हैं।

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2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बने इस किले में जाने वाले लोग सूर्यास्त (sun set) होने से पहले ही लौट आते हैं। खड़ी चढ़ाई होने के कारण इंसान यहां लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। शाम होते ही यहां मीलों दूर तक सन्नाटा फैल जाता है। यहां चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई हैं, लेकिन इन सीढ़ियों पर ना तो रस्सियां है और ना ही कोई रेलिंग। बताया जाता है पैर फिसलने से यहां कई लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक यह किला मनहूस हो चुका है। सैकड़ों लोगों की मौत की वजह से इस जगह नकारात्मकता (negativity) का वास है। ये जगह लोगों को अपनी ओर खींचती है। इसलिए कई लोग यहां सुसाइड कर लेते हैं। इस किले को पहले मुरंजन किले के नाम से जाना जाता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदल दिया गया। कलावंती दुर्ग के किले से चंदेरी, माथेरान, करनाल और इर्शल किले भी नजर आते हैं। अक्तूबर से मई महीने तक घूमने के लिए यहां ज्यादा संख्या में सैलानी आते हैं।