26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चूहे जैसा दिखता है यह अनोखा हिरण, 30 साल बाद मिली यह दुर्लभ प्रजाति

इस दुर्लभ प्रजाति को विलुप्त माना जा रहा था 30 साल बाद मिली हिरण की यह दुर्लभ प्रजाति माउस हिरण इससे पहले आखिरी बार 1990 में देखा गया था

2 min read
Google source verification
mouse-deer-1.jpg

Mouse Deer

नई दिल्ली। इस दुनिया में एक ही जानवर की अलग नस्लें देखने को मिलती है जो कि किसी देश की भौगोलिक स्थिति के ऊपर निर्भर करती है। वियतनाम के जंगलों में हाल ही में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे छोटे हिरण की बेहद दुर्लभ प्रजाति को लगभग 30 वर्षों में पहली दफा देखा गया है।

एक अध्ययन के अनुसार इस दुर्लभ प्रजाति के जानवर को सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन या माउस हिरण के नाम से जाना जाता है। माउस हिरण को आखिरी बार 1990 में देखा गया था। इस हिरण को अलग देश में अलग नामों से बुलाया जाता है। इसे भारत में मायावी हिरण कहा जाता है।

साल 1990 के बाद से इनके अस्तित्व की कोई पुष्टि न होने के कारण विशेषज्ञों ने मान लिया था कि यह प्रजाति अवैध शिकार किए जाने से लगभग विलुप्त हो गई है। सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन के बारे में पहली बार जानकारी 1910 में हुई थी।

यह दुर्लभ हिरण वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी से करीब 450 किलोमीटर दूर न्हा ट्रांग के पास पाए गए कई जानवरों में शामिल था। किसी भी जंगली जानवर के विलुप्त होने की दो वजह प्रमुख मानी गईं हैं। जिसमें पहला कारण है कि जमीन के लालच में अंधाधूंध जंगलों का कटान।

दूसरा कारण है जानवरों का अवैध शिकार, जिस वजह से कई प्रजातियां अब पृथ्वी पर नहीं हैं। लेकिन ग्लोबल वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन और लाइबनिट्स इंस्टीट्यूट फ़ॉर जू एंड वाइल्ड लाइफ रिसर्च में पीएचडी के छात्र वियतनामी जीव विज्ञानी एन नगुयेन का मानना था कि सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन अभी भी कहीं न कहीं मौजूद है।

इसके लिए वे खुद विशेषज्ञों को स्थानीय ग्रामीणों के साथ उस जगह पर ले गए, जहां माउस डियर को देखा गया। इन माउस डियर को कैमरे में कैद करने के लिए जंगल में 30 से अधिक मोशन-एक्टिवेटिड कैमरे लगाए गए थे। नगुयेन ने कहा कि जब हमने कैमरा की जांच की तो हम भौचक्के रह गए।

कैमरे को चैक करने के बाद हमें पता चला कि हमने सिल्वर फ्लैक्स के साथ सिल्वर-बैकेड चेवरोटाइन की तस्वीरें देखीं। मई 2019 में, यूनाइटेड नेशंस बॉडी ऑफ़ बायोडायवर्सिटी के समूह ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि मनुष्य की दखलअंदाजी की वजह से हमारें ग्रह पर 1 लाख से अधिक प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है।