ये घटना अमेरिका के टेनेसी राज्य में 13 सितंबर 1916 को घटी थी। और जिस हाथी को फांसी की सजा सुनाई गई थी उसका नाम 'मैरी' था। उसको फांसी की सजा दिए जाने के पीछे एक बहुत ही अजीब वजह थी, जिसे जानकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे। और उस हाथी द्वारा किए गए जुर्म को शायद आप जुर्म न माने, क्योंकि ऐसी घटनाएं बहुत सुनने को मिलती हैं। दरअसल, 'चार्ली स्पार्'क नाम का एक आदमी टेनेसी में 'स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो' नाम का एक सर्कस चलाता था। उस सर्कस में कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम की ये एशियाई हाथी भी थी।
कहा जाता है कि मैरी के महावत ने किसी वजह से सर्कस छोड़ दिया था, जिसकी जगह पर किसी दूसरे महावत को रखा गया। क्योंकि मैरी के बारे में नए महावत को ज्यादा जानकारी नहीं थी और उसके साथ उसने बहुत ही कम समय बिताया था, इसलिए वो महावत मैरी को कंट्रोल करने में असमर्थ था। इसी बीच सर्कस के प्रमोशन के लिए शहर में परेड का आयोजन किया गया, जिसमें मैरी के साथ-साथ कई सारे जानवर और सर्कस के कलाकार शामिल हुए थे।

वहीं परेड के बीच मैरी को कुछ खाने की चीज दिखाई दे गई, जिसके लिए वो तेजी से आगे बढ़ने लगी। नए महावत ने उसे रोकने की भरपूर कोशिश की, मगर मैरी नहीं रूकी। इस दौरान उस नए महावत ने उसे रोकने के लिए उसके कान के पीछे भाला घोंप दिया जिससे मैरी को गुस्सा आ गया और उसने महावत को नीचे पटकर पैरों से कुचल दिया। जैसे ही महावत की मौत हो गई तो चारों तरफ हंगामा शुरू हो गया।
लोग उसे मृत्युदंड देने की मांग उठाने लगे, अखबारों में भी मैरी के नाम के आर्टिकल छपने लगे जिसमें उसे मृत्युदंड देने की बात छपी होती थी। लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क को बी धमकियां देने लगे कि अगर वो मैरी को मृत्युदंड नहीं देंगे तो शहर में कही भी सर्कस नहीं होने देंगे। वहीं मैरी को लोग मारने के लिए कई योजना भी तैयार करने लगे और आइडियाज देने लगे। जिनमें मैरी को करंट के जरिए मृत्युदंड की बात कही जाती, तो कभी ट्रेन के आगे कुचलवा देने की बात होती थी।
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हंगामें को बड़ता देख सरकार को निर्णय लेना पड़ा की मैरी को फांसी की सजा दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन का इंतजाम किया। और वहीं हाथी को हजारों लोगों के बीच 13 सिंतबर 1916 को फांसी पर लटका दिया गया। उस समय हाथी की फांसी की सजा को अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने समर्थन किया था। मगर आज के समय की बात की जाए तो इतिहास में जानवरों के प्रति मानवता का सबसे क्रूर उदाहरण इसे ही माना जाता है।
आज के वक्त में ऐसे कई जानवरों द्वारा अपराध हुए हैं, मगर उन्हें सजा नहीं दी जाती है। क्योंकि कानून का ये मानना है की जानवर अंजाने में या फिर अपने बचाव के लिए ही दूसरों पर हमला करता है। आप मैरी को ही ले लीजिए, अगर महावत ने उसपर अपने भाले से हमला नहीं किया होता तो क्या ये घटना घटी होती? ठीक इसी तरह से अगर आप जानवरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं तो वह भी आप हमला नहीं बोलेगा।
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