
रातों-रात गायब हो गया पाकिस्तान का ये द्वीप, हैरत में पड़े लोगों को नासा ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। कुदरत कब अपना कौन सा रूप दिखा दे कुछ कहा नहीं जा सकता। दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं जो हमें हैरान कर देने पर मजबूर कर देती हैं। उदाहरण के तौर पर बरमूडा ट्रायंगल को ही ले लीजिए। बरमूडा ट्रायंगल ( Bermuda Triangle ) का रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया है। ऐसा ही रहस्य हाल ही में पाकिस्तान ( Pakistan ) में देखा गया। यहां एक टापू के अचानक गायब होने की खबर ने हड़कंप मचा दिया। पाकिस्तान के बलूचिस्तान ( Balochistan ) में स्थित शहर ग्वादर ( Gwadar ) में एक द्वीप रातों-रात गायब हो गया। इस भूकंप का नाम जलजला कोह ( Zalzala Koh ) है। जलजला कोह का मतलब होता है भूकंप ( Earthquake ) का पहाड़।
साल 2013 में जब ग्वादर के समुद्री तट पर 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था तब ये द्वीप पहली बार देखा गया था। 66 फीट ऊंचे, 295 फीट चौड़े और 130 फीट लंबे ये द्वीप पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के टकराने से अस्तित्व में आया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस द्वीप पर बड़े-बड़े पत्थर और कीचड़ के अलावा कुछ भी नहीं था। नासा ने बीते दिन इस द्वीप की 2013 और 2019 की तुलनात्मक तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि समय के साथ-साथ इसमें क्या परिवर्तन आया और ये समय के साथ गायब क्यों हो गया।
नासा के मुताबिक, ज़लज़ला कोह जैसे द्वीप एक भयंकर भूकंप और ज्वालामुखी की वजह से अस्तित्व में आते हैं। ऐसी परिस्थिति में ये समुद्र के तट के पास प्राकृतिक रूप से ये स्थापित हो जाते हैं। जिस रफ़्तार से ये बनते हैं उतनी ही जल्दी ऐसे द्वीप नष्ट भी हो सकते हैं। बता दें कि साल 2013 में पाकिस्तान में आए भयंकर भूकंप आने पर ये द्वीप पहली बार देखा गया था। लेकिन 6 साल बाद ये रहस्यमयी तरह से गायब हो गया।
Published on:
16 Jul 2019 02:38 pm
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