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पेंगुइन का प्रमोशन…सेना में ब्रिगेडियर से बना मेजर जनरल

अजब-गजब : स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग चिडिय़ाघर में पक्षी का विशेष समारोह में सम्मान, नॉर्वेजियन किंग्स गार्ड के लिए माना जाता है भाग्यशाली

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पेंगुइन का प्रमोशन...सेना में ब्रिगेडियर से बना मेजर जनरल

पेंगुइन का प्रमोशन...सेना में ब्रिगेडियर से बना मेजर जनरल

सेना में सिपाही से लेकर फील्ड मार्शल तक कई पद होते हैं। क्या इनमें से किसी पद पर पक्षी को रखा जा सकता है? ब्रिटेन में एक पक्षी सेना के उच्च पद पर तैनात है। हाल ही उसका प्रमोशन किया गया। स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग चिडिय़ाघर में रहने वाले सर निल्स ओलाव तृतीय नाम के पेंगुइन को नॉर्वेजियन सेना में ब्रिगेडियर से मेजर जनरल को पद पर प्रमोट किया गया। नॉर्वेजियन किंग्स गार्ड के लिए लकी माने जाने वाले इस पक्षी को चिडिय़ाघर में विशेष समारोह में यह सम्मान दिया गया।

सर निल्स ओलाव तृतीय पदोन्नति के बाद नॉर्वेजियन सेना में तीसरी सर्वोच्च रैंकिंग वाला अधिकारी बन गया है। समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। मेजर जनरल के रूप में उसकी पदोन्नति की घोषणा एक्स (ट्विटर) पर की गई। चिडिय़ाघर ने सर निल्स के बारे में विवरण भी साझा किया। इसमें बताया गया कि वह महामहिम किंग्स गार्ड का लक है। उसे रॉयल एडिनबर्ग मिलिट्री टैटू में बैंड और ड्रिल टीम की भागीदारी के दौरान अपनाया गया था।

1972 में शुरू हुई सम्मान की परंपरा

एडिनबर्ग में पेंगुइन को सम्मानित करने की परंपरा 1972 में शुरू हुई थी। तब नॉर्वे की सेना के जनरल निल्स एगलिन चिडिय़ाघर देखने आए थे। उन्होंने अपने और नॉर्वे के तत्कालीन राजा ओला पंचम के नाम पर पेंगुइन को निल्स ओला नाम दिया। इसे उन्होंने शुभ मानकर सेना मेें शामिल कर लिया। एडिनबरा के सालाना सैनिक महोत्सव में शामिल होने वाली नॉर्वे की शाही टुकड़ी निल्स से मिलने चिडिय़ाघर आती रही है।

आधा जीवन धरती पर, आधा पानी में

जलीय समूह के उडऩे में असमर्थ पक्षी पेंगुइन सबसे ज्यादा दक्षिण गोलाद्र्ध, विशेष रूप से अंटार्कटिक में पाए जाते हैं। ये अपना आधा जीवन धरती पर और आधा महासागर में बिताते हैं। अंटार्कटिक के बाद इनकी ज्यादातर आबादी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अमरीका और दक्षिण अफ्रीका में है।