कार के ऊपर बैठ गया हाथी, ड्राइवर ने उठाया ये कदम…
मौत के कुंए जैसी होती है प्रक्रियाइसमें शामिल हुए लोगों का कहना है कि ‘ये प्रक्रिया मौत के कुंए जैसी होती है और जब आप इस कुंए से निकलते हैं तो जीवन और मृत्यु से हमारा परिचय हो जाता है। ऐसे में आप जीने के लिए अच्छे और बेहतर तरीके अपनाते हैं। जीवन को लेकर आपका नजरिया बदल जाता है। लोग 10 मिनट तक ताबूत में रहकर जीवन के सही मायने समझ जाते हैं।’
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परिवार और दोस्त-यार भी होते हैं शामिलयहां अंतिम संस्कार कराने आने वाले लोगों के साथ उनका परिवार और दोस्त-यार भी शामिल होते हैं। अंतिम संस्कार के दौरान ये सब उस व्यक्ति के लिए अपने मन में बैठे सारे गिले-शिकवों को मिटा देते हैं। परिवार और दोस्त-यारों को समझ आता है कि इस व्यक्ति के जाने के बाद उसकी कमी कितनी खलेगी।