
इस गुड़िया पर था प्रेत का साया! लोग कहते हैं- उसका ज़िक्र करने से आती थी आफत, जानें क्या है सच्चाई
नई दिल्ली। किंवदंती कहती है कि रॉबर्ट नाम की गुड़िया पर प्रेत का साया था। इसी गुड़िया पर आधारित हॉलीवुड मूवी 'चकी' बनाई गए थी। फिल्म चकी में एक बेजान गुड़िया कई लोगों की मौत का कारण थी। गुड़िया रॉबर्ट के बारे में लोग कहते हैं कि वह कई दुर्घटनाओं में शामिल था। उसने बेजान होते हुए भी कई लोगों को नुकसान पहुंचाया था। लोगों का मानना था कि उसमें कोई बुरी आत्मा वास करती थी। यह गुड़िया रॉबर्ट यूजीन ओटो Robert Eugene Otto की थी। पेशे से कलाकार ओटो को यह गुड़िया उनके दादा ने भेंट की थी। 1904 में जर्मनी से खरीदी गई इस गुड़िया को स्टिफ कंपनी ने बनाया था। कई लोगों का कहना है कि इस गुड़िया को ओटो परिवार की एक नौकरानी ने उन्हें भेंट दिया था।
किंवदंती है कि इस गुड़िया पर नौकरानी ने काला जादूvoodoo किया था। यूजीन ने अपनी उस गुड़िया को रॉबर्ट नाम दिया। ओटो परिवार को यह गुड़िया बेहद पसंद थी। Eugene ने उस गुड़िया को अपने बचपन की एक ड्रेस पहनाई थी। Eugene उसे सब जगह साथ ले जाया करता था। डाइनिंग टेबल पर रॉबर्ट गुड़िया के लिए भी कुर्सी लगाई जाती। लेकिन धीरे-धीरे सब बदलने लगा कहते हैं जिस-जिस को ओटो परिवार ने गुड़िया के बारे में बताया उसकी एक्सीडेंट में मौत हो गई। जब लोग ओटो परिवार को उन सब मौतों का ज़िम्मेदार बताने लगे तो उन्होंने सारा इलज़ाम गुड़िया पर डाल दिया।
कई लोगों का कहना था कि ओटो परिवार को उन्होंने गुड़िया से अलग-अलग आवाज़ों में बात करते सुना। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि ओटो परिवार जुर्म करके उसका दोष गुड़िया पर डाल देता था। कई लोगों का कहना है कि रॉबर्ट को उन्होंने चलते हुए भी देखा था। यूजीन के बड़ा होने के बाद ओटो परिवार ने वह घर छोड़ दिया और गुड़िया रॉबर्ट को बेसमेंट में रख दिया। आसपास रह रहे लोगों का कहना था कि उस खाली मकान में किसी के चलने की आवाज़ सुनाई देती थी। लोग यह भी कहते हैं कि वह जब उस मकान में था वहां एक अजीब सा सन्नाटा रहता था।
उस मकान को किसी ने जब खरीदा तो उसके साथ वह गुड़िया भी मिली। मकान के नए मालिक की बेटी का दावा था कि उसपर गुड़िया ने हमला किया और उसे मारने की कोशिश की। 1994 में उस गुड़िया को एक म्यूजियम को दे दिया गया। म्यूजियम में उसे 'हॉन्टेड टॉय' का नाम दिया गया। लोग भी उसे देखने खूब आते थे। गुड़िया की शक्तियों को परखने के लिए म्यूजियम में आने वाले लोगों ने उसके नाम चिट्ठियां लिखनी शुरू कर दीं। कहते हैं जिस-जिसने उसे चिठ्ठी लिखी उसका कुछ न कुछ भारी नुक्सान हुआ।
Updated on:
28 May 2019 12:21 pm
Published on:
28 May 2019 12:20 pm
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