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मोना लीज़ा की पेंटिंग के कई रहस्यों में से यह रहस्य है सबसे अलग, एक चोर ने बना दिया था मशहूर

मास्टरपीस मोना लीज़ा पहले नहीं थी मशहूर एक समय था जब मोना लीज़ा के बारे में भूल चुके थे लोग एक चोर की वजह से जानने लगे लोग

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मोना लीज़ा की पेंटिंग के कई रहस्यों में से यह रहस्य है सबसे अलग, एक चोर ने बना दिया था मशहूर

नई दिल्ली। इसमें कोई शक नहीं कि पेंटर लिओनार्दो दा विंची के द्वारा बनाई गई मोना लीज़ा की पेंटिंग एक मास्टरपीस है,लेकिन शायद आपको यह पता न हो कि यह पेंटिंग एक चोर की वजह से प्रसिद्ध हुई थी। 21 अगस्त 1911 को चुराई गई मोना लिसा की पेंटिंग के बारे में तब तक कोई नहीं जनता था। विन्सेन्ज़ो पेरुगिया Vincenzo Peruggia नाम के शख्स ने इस पेंटिंग को चुराया था। Vincenzo Peruggia मोना लिसा की पेंटिंग के लिए एक कांच का फ्रेम बना रहा था। अपना काम खत्म करने के बावजूद विन्सेन्ज़ो बाहर निकलने के बजाय आर्ट गैलरी की तरफ बढ़ा। इसके बाद वह गैलरी में बनी एक अलमारी में जाकर छिप गया और सारी रात वहीं छिपा रहा। सुबह होते ही वह आर्ट गैलरी से निकल गया। उसने अपने कोट के अंदर मोना लीज़ा की पेटिंग को मोड़कर छिपा लिया था। करीब एक दिन तक किसी को इस चोरी के बारे में पता नहीं चला।

जिस दिन पेंटिंग चोरी हुई सब रोज की तरह आर्ट गैलरी में अपना काम कर रहे थे। किसी की नज़र पेंटिंग पर नहीं पड़ी। दूसरे दिन जब एक पेंटर मोना लीज़ा की पेंटिंग का स्केच बनाने आया तब लोगों को इस चोरी के बारे में पता चला। उस समय तक मोना लीज़ा की पेंटिंग के बारे में किसी को नहीं पता था। चोरी होने से पहले मोना लीज़ा की पेंटिंग पर मुश्किल से कोई गार्ड होता था। इतना ही नहीं पेंटिंग दीवार से चिपकाई भी नहीं गई थी जिससे उसे कोई भी उसे आसानी से निकाल सकता था, लेकिन एक चोरी ने मोना लीज़ा को ख़बरों में ला दिया। उस समय प्रकाशित होने वाले सभी अखबारों के फ्रंट पेज पर मोना लीज़ा की तस्वीर छापी गई। मोना लिसा की पेंटिंग इतनी मशहूर हो गई थी कि आर्ट गैलरी में पेंटिंग की खाली जगह देखने लोग आने लगे। लाख कोशिश करने के बाद भी पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पाई। 1913 तक मोना लीज़ा की पेंटिंग की चोरी के बारे में सब भूल चुके थे। इसी बीच एक आर्ट डीलर के पास एक लेटर आया जिसमें मोना लीज़ा को खरीदने के बारे में लिखा था।

डीलर ने मोना लीज़ा की पेंटिंग को खरीदने के लिए हामी भर दी, लेकिन एक बार उस चोर से पेंटिंग को परखने की बात कही। पेंटिंग के असली-नकली की जांच की गई तो वह असली निकली। इसके बाद वह दो साल तक पेरिस के एक किचन टेबल पर पड़ी रही। Vincenzo Peruggia इटली में पकड़ा गया। कोर्ट में उसने कहा कि उसे मोना लीज़ा की पेंटिंग से प्यार हो गया था। Vincenzo का कहना था कि मोना लिसा की पेंटिंग को नपोलियन ने इटली से चुराया था। उसका कहना था कि वह पेंटिंग को दोबारा उसकी सही जगह ले जाना चाहता था। Vincenzo के वकील ने उसे एक देशभक्त साबित कर के चोरी के इल्ज़ाम से बचा लिया।