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अजब गजब

इस वजह से मां काली के चरणों के नीचे आ गए थे शिव जी, इसके अलावा उनके पास और कोई नहीं था चारा

ऐसा क्या हुआ था जिससे भगवान शिव मां के पैरों केे नीचे आ गए?

Jan 16, 2019 / 11:46 am

Arijita Sen

भगवान शिव मां के पैरों केे नीचे

इस वजह से मां काली के चरणों के नीचे आ गए थे शिव जी, इसके अलावा उनके पास और कोई नहीं था चारा

नई दिल्ली। मां काली की प्रतिमा को तो आप सभी ने देखा होगा जिसमें शिव जी मां के चरणों तले लेटे दिखाई देते हैं। आपको बता दें कि मां काली भगवती दुर्गा की दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां के इस भयंकर रूप की उत्पत्ति राक्षसों का नाश करने के लिए हुई थी। मां का यह रूप इस कदर भयंकर है कि जिससे स्वयं काल को भी डर लगता है। मां के गुस्से पर काबू कर पाना कोई आसान काम नहीं। संसार की समस्त शक्तियां मिलकर भी उनके क्रोध पर काबू नहीं पा सकती है। अब सवाल यह आता है कि ऐसा क्या हुआ था जिससे भगवान शिव मां के पैरों केे नीचे आ गए? आज इसी पौराणिक कहानी का जिक्र आज हम आपके सामने करने जा रहे हैं।

मां काली की प्रतिमा

एक समय की बात है जब रक्तबीज नामक दैत्य ने कठोर तपस्या की। फलस्वरूप उसे वरदान मिला कि उसके शरीर से खून की एक भी बूंद जब धरती पर गिरेगी तो उससे सैकड़ों की संख्या में दैत्यों की उत्पत्ति होगी। अपनी इस शक्ति का प्रयोग कर वह निर्दोषों को सताने लगा। अपनी मनमानी करने लगा। तीनों लोेकों पर उसने अपना आतंक मचा दिया। उसने देवताओं को युद्ध के लिए ललकारा। दोनों पक्षों के बीच भयंकर लड़ाई हुई।

मां काली

देवताओं ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी उसे पराजित करने के लिए, लेकिन जब भी रक्तबीज के शरीर से खून की एक बूंद जमीन पर गिरती, तो देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में राक्षस पैदा हो जाते। ऐसे में रक्तबीज को हराना नामुमकिन था। देवता गण इस परेशानी को सुलझाने के लिए मां काली की शरण में गए।

मां काली

मां ने न आव देखा न ताव और राक्षसों का वध करना शुरू कर दिया, लेकिन मां जब भी रक्तबीज के शरीर पर वार करती तो उसके खून से और भी राक्षस आ जाते थे। इसके लिए मां ने अपनी जिह्वा का विस्तार किया। अब खून जमीन पर गिरने के बजाय मां की जीभ पर गिरने लगी। क्रोध से उनके ओंठ फड़कने लगी, आंखें बड़ी बड़ी हो गई।मां के विकराल रूप को देखकर सभी देवता परेशान हो गए। उन्हें शान्त करना किसी के बस की बात नहीं थी। दानवों की लाशें बिछने लगी।

मां काली

मां को शान्त करने के लिए देवता गण शिव जी के शरण में गए। भगवान शिव ने मां काली को शान्त करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।

मां काली

अंत में शिव जी उनके मार्ग पर लेट गए और जब मां के पैर उन पर पड़ी तो मां चौंक गईं। उनका गुस्सा बिल्कुल शांत हो गया।

 

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