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महादेव इसलिए पहनते हैं बाघ की खाल, शिव पुराण की इस रोचक कहानी में छिपा है इसके पीछे का कारण

ऋषियों को यह नहीं पता था कि जिन्हें वे साधारण मनुष्य समझ रहे हैं वे वास्तव में भगवान शिव हैं।

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Arijita Sen

Dec 24, 2018

महादेव इसलिए पहनते हैं बाघ की खाल

महादेव इसलिए पहनते हैं बाघ की खाल, शिव पुराण की इस रोचक कहानी में छिपा है इसके पीछे का कारण

नई दिल्ली। भगवान शिव की महिमा अपार है। शान्त स्वभाव के भोलेनाथ बहुत जल्द ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव के भक्त उनके बारे में जानने और सुनने को रूचि रखते हैं। महादेव के बारे में हम ये तो जानते हैं कि उन्हें भांग पसंद है, उनका पंसदीदा फूल क्या है इत्यादि, लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि वे हमेशा बाघ की खाल धारण किए हुए क्यों रहते हैं? आखिर उन्हें इतना क्यों भाता है बाघ की खाल? आइए आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं।

शिव पुराण में इससे संबंधित एक बेहद रोचक कहानी है जिसके अनुसार एक बार शिव जी ब्रह्मांड की सैर को निकले। घूमते-घूमते वे एक जंगल में आ पहुंचे।इस जंगह में कई ऋषि-मुनी अपने परिवार समेत रहते थे।

महादेव इस जंगल से निर्वस्त्र होकर गुजर रहे थे। उन्हें इस बात का बिल्कुल भी ख्याल नहीं था कि उन्होंने शरीर पर कुछ भी धारण नहीं कर रखा है। इधर बलशाली शिव जी को देख ऋषि-मुनियों की पत्नियां उनकी ओर आकर्षित होने लगी। मन ही मन उनकी प्रशंसा करने लगी।

ऋषियों को जब इस बात की भनक लगी कि किसी अज्ञात पुरूष के प्रति उनकी पत्नियां आकर्षित हो रही हैं तो वे बहुत क्रोधित हुए। ऋषियों को यह नहीं पता था कि जिन्हें वे साधारण मनुष्य समझ रहे हैं वे वास्तव में भगवान शिव हैं।

इस अनजान व्यक्ति को सबक सिखाने के लिए ऋषियों ने मार्ग में एक बड़ा सा गड्ढा बना दिया ताकि यहां से गुजरने के दौरान वे इसमें गिर जाए। हुआ भी बिल्कुल वैसा। शिव जी उस गड्ढे में गिर गए।

शिव जी को गड्ढे में गिराकर ऋषियों ने उन्हें सजा दिलाने के लिए गड्ढे में एक बाघ को भी गिरा दिया, ताकि वह शिवजी को मारकर खा जाए, लेकिन हुआ इसके विपरीत।

शिवजी ने स्वयं उस बाघ को मारकर उसकी खाल को धारण कर गड्ढे से बाहर आ गए। इस घटना से ऋषि-मुनियों को ऐसा लगने लगा कि यह कोई सामान्य इंसान हो ही नहीं सकता।

शिव पुराण में वर्णित इस कहानी के अनुसार तब से शिव जी शरीर पर बाघ की खाल को धारण किए हुए हैं।