कुछ लोग दुष्ट प्रकृति के होने के बाद भी उनके साथ सबकुछ अच्छा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि...
नई दिल्ली। दुख और सुख दोनों एक ही सिक्के के पहलू है। जिंदगी में इन दोनों का सिलसिला चलता ही रहता है। अगर कोई अच्छा कर्म करता है तो उसके साथ अच्छा होता है और इसके विपरीत यदि कोई व्यक्ति बुरे कामों को अंजाम देता है तो उसके साथ बुरा होना स्वाभाविक है। हालांकि कभी-कभार अच्छे कर्मों को अंजाम देने के बावजूद अक्सर इंसान के साथ बुरा ही होता है जबकि किसी बुरे इंसान की जिंदगी में सबकुछ अच्छा ही होता है। अब सवाल ये आता है कि यदि किसी जीव को उसके कर्मों के आधार पर उसका फल मिलता है, तो फिर ऐसा होने के पीछे क्या कारण है?
एक कहावत है Fortune or misfortune related to ancestors यानि कि कहीं न कहीं आपका भाग्य आपके पूर्वजों के कर्मों से जुड़े हुए हैं।
जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रत्येक इंसान का भाग्य उसके पारिवारिक कर्मों से जुड़ा हुआ होता है। इसका सीधा अर्थ यह है कि आपके पूर्वज अपने जीवनकाल में किस तरह के काम किए हैं उसके आधार पर भी कुछ हद तक आपका भाग्य निर्भर करता है।
इसी के चलते आपने देखा होगा कि कुछ लोग दुष्ट प्रकृति के होने के बाद भी उनके साथ सबकुछ अच्छा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि भूतकाल में उसके पूर्वजों ने निश्चित रूप से अच्छे काम किए होंगे।
इसके विपरीत सीधे-सादे, भले लोगों के साथ बुरा इसलिए होता है क्योंकि शायद उनके पूवर्जों ने किसी का दिल दुखाया होगा या कुछ बुरा किया होगा।
हालांकि इसके साथ ही सबसे बड़ा सत्य यह है कि इन सारी चीजों से इंसान को कभी भी बेहद खुश या विचलित नहीं होना चाहिए क्योंकि अंत में इंसान के खुद के कर्म से उसके भाग्य का निर्धारण होता है। जो जैसा बोएगा वो वही काटेगा। अपने कर्मों का फल इंसान को निश्चित रूप से मिलता है, बस सही समय का इंतजार करना होता है।