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Irregular Periods Yoga Poses: माहवारी की अनियमितता दूर करने के लिए अपनाएं ये आसन

locationनई दिल्लीPublished: Nov 27, 2021 07:59:43 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Irregular Periods Yoga Poses: सबसे पहले सांस अंदर भरते हुए घुटनों के बल सीधे खड़े हो जाएं। साथ ही अपने घुटनों तथा पैरों को थोड़ा खोल लें। इसके बाद सांस बाहर छोड़ते हुये कमर से आगे की तरफ झुकें।

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Irregular Periods Yoga Poses

नई दिल्ली। Irregular Periods Yoga Poses: महिलाओं में माहवारी एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन कुछ महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, गलत खानपान, असंतुलित जीवनशैली, तनाव, कुछ विशेष दवाइयों के सेवन के कारण माहवारी में देरी होने या अनियमित माहवारी की समस्या देखी जाती है। कभी-कभी ऐसा होने पर इसे अनदेखा किया जा सकता है, परंतु यदि हर महीने पीरियड्स से संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं, तो इस समस्या को दूर करने और इसे समझने के लिए चिकित्सक को दिखाना आवश्यक हो जाता है। हालांकि, आप अपनी तरफ से भी नियमित और बिना दर्द के पीरियड्स के लिए निम्न योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं…

1. मत्स्यासन
मत्स्यासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें और अपनी कोहनी को कमर से स्पर्श कराएं। इसके बाद दोनों पैरों को मोड़ते हुए उन्हें घुटनों के साथ क्रॉस-लेग पोजीशन यानी पालथी वाली मुद्रा में ले जाएं। अपनी जांघों को फर्श से स्पर्श कराएं और श्वास लेते रहें। इसके पश्चात अपने ऊपरी शरीर को जमीन से ऊपर की ओर उठाएं, ध्यान रखें कि सिर का शीर्ष भाग जमीन से स्पर्श करें। आपकी गर्दन, सीना और पीठ ऊपर की ओर उठी हुई हो। 40-50 सेकंड के लिए इसी पोजीशन में रहे और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं।

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2. सूर्य नमस्कार
विशेषज्ञों की मानें तो आपके संपूर्ण शरीर की अच्छी सेहत के लिए सूर्य नमस्कार एक बेहतरीन अभ्यास है। सूर्य नमस्कार करने से ना केवल मांसपेशियों, लिगामेंट्स और जोड़ों को बेहतर होने में मदद मिलती है, बल्कि यह हारमोंस को रेगुलेट करके अनियमित पीरियड्स की समस्या को भी दूर करने में सहायक है।

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3. धनुरासन
सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला लें। दोनों हाथों को कमर से सटे हुए जमीन पर रखें। इसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए ऊपर की उठाएं और दोनों हाथों से अपने टखनों को पकड़ें। फिर गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती और साथ ही घुटनों के ऊपर थोड़ा जांघों को भी ऊपर उठाएं। अपनी क्षमता अनुसार इसी पोजीशन को होल्ड करें। और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।

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4. मालासन
मालासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद रीढ़ की हड्डी में खिंचाव के साथ अपने पेट को अंदर लें। और कंधों को खींचते हुए गहरी सांस लें। अब अपने हाथों को नमस्ते मुद्रा में ले आएं। इसके बाद सांस बाहर छोड़ते हुए स्क्वाट पोजीशन में यानी घुटनों के बल बैठें। अब अपनी जांघों को धीरे-धीरे फैलाएं और एड़ियों को हाथों से पकड़ लें। इसके बाद सांस अंदर की ओर खींचते हुए आसन को विराम दें।

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5. अधोमुख श्‍वानासना
सबसे पहले सांस अंदर भरते हुए घुटनों के बल सीधे खड़े हो जाएं। साथ ही अपने घुटनों तथा पैरों को थोड़ा खोल लें। इसके बाद सांस बाहर छोड़ते हुये कमर से आगे की तरफ झुकें। अपने दोनों हाथों को ज़मीन पर इस तरह से टिकायें कि आपके शरीर का संपूर्ण वजन आपके हाथों तथा घुटनों पर आ जाए। सुनिश्चित करें कि आपकी उंगलियां खुली हुई तथा हथेलियां फर्श पर अच्छी तरह जमी हुई हों। अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को फर्श से ऊपर उठाएं और शरीर को मध्य से ऊपर छत की तरफ लायें। कोशिश करें कि मेरुदण्ड के अन्तिम छोर को थोड़ा ऊपर की तरफ रखें और एड़ियों को पीछे ज़मीन पर टिका दें। सांस अंदर-बाहर करते हुए करीबन 30 सेकंड तक इसी पोजीशन में रुकें और फिर सांस अंदर भरते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।

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