
motivation
जिंदगी को दिशा देने के लिए मकसद का होना उतना ही जरूरी है, जितना शरीर के लिए आक्सीजन का। इसलिए मकसद खोजिए।
कल्पना कीजिए कि आप यात्रा कर रहे हैं और आपके बगल वाली सीट पर बैठा यात्री आपसे सवाल करता है, ‘आप कहां जा रहे हैं और आपके पास इस सवाल का जवाब न हो तो बड़ा अजीब होगा ना? लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आपको पता है आप कहां और क्यों जा रहे है तो आप जवाब दे देंगे। इसी तरह पता कीजिए कि आप अपने जीवन में किस दिशा में जा रहे हैं।
ज्यादातर लोगों का नजरिया होता है कि जब जिंदगी मिली है तो जीना तो है ही। इसलिए जी रहे हैं और जीने के लिए कुछ तो करना ही पड़ता है। इसलिए कर रहे हैं। यह नजरिया 90 फीसदी लोगों का होता है और परिणाम होता है कि बिना मकसद के पूरी जिंदगी निकल जाती है। जीवन का मकसद न होने से हमें जीवन में कुछ खास नजर नहीं आता है और उत्साह और जोश की कमी झलकती है। हमारा नजरिया शिकायतवादी रहता है। इस नजरिये को छोडि़ए और अपनी असाधारण क्षमताओं को पहचानिए। आप इस जिंदगी में एक खास मकसद को पूरा करें। जब हम यह तय कर लेते हैं कि हमें क्या और क्यों करना है तो उत्साह, लगन और परिश्रम अपने आप आ जाता है।
किस दिशा में जा रहे हैं
कुछ ऐसे ही सवाल आप अपनी जिंदगी के बारे में करें कि अपनी जिंदगी को किन बातों के लिए याद करना चाहोगे? आपको लोग आपकी किन अच्छी बातों के लिए जानेंगे और आपकी जिंदगी का मकसद क्या है? क्योंकि जब हम कुछ घंटों तक की यात्रा को निश्चित मकसद के लिए करते हैं तो फिर अपनी पूरी जिंदगी की यात्रा जो कि हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है, उसे बिना मकसद क्यों कर रहे है? सोचिए जब आपको यह पता ही नहीं कि जिंदगी में आप कहां जा रहे हैं और क्यों जा रहे हैं तो फिर चलने का क्या फायदा? और यह कैसे पता चलेगा कि सही दिशा में जा रहे हैं या गलत और कहां तक जाना है? अपने जीवन के बारे में विचार करना शुरू कीजिए। आप जितना ज्यादा विचार करेंगे, आपको पता लगेगा कि आपको किस राह पर आगे बढऩा है। एक बार यह तय होने के बाद काम शुरू करना आसान होगा।
बदलाव करो
अपनी जिंदगी को बदलने के लिए और उसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए जब हम रुकते हैं और उसको ध्यान से देखते हैं तो स्पष्टता आ जाती है कि अब क्या करना है। जिन आदतों, व्यवहार और तरीकों को बदलना है, उनकी सूची बनाएं और एक समय सीमा तय कर लें कि कब तक यह बदलाव करना है। एक बार आपने अपने जीवन का मकसद तय कर लिया तो फिर उसको पूरा करने के लिए आपको उस साधारण जिंदगी के चोले को निकाल फेंकना होगा। आपका प्रत्येक दिन उस मकसद की और जाने का एक मौका है। इसलिए अपने आपको बदलने के लिए तैयार हो जाएं। यह बदलाव आपकी आदतों में होगा, आपकी दिनचर्या में होगा।
रुको
ठहराव बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि जब हम रुकते है तो अहसास होना शुरू होता है बहुत सी ऐसी बातों का जिनको हम रोज की दिनचर्या में कभी महसूस ही नहीं कर पाते हैं। रोजाना के कामों से थोड़ा ब्रेक लें और दो या तीन दिन का समय अपने लिए निकालें। इस दौरान रिश्तेदारों या दोस्तों से न मिलें और कोशिश करें कि एकांत में समय बिताएं और शांत रहें। आप अपने पसंद का म्यूजिक सुन सकते हैं और गार्डन में घुमने जा सकते हैं। ध्यान करें और बहुत कम बोलें। अपने विचारों को लिखें। यह ठहराव यकीनन बहुत ही अच्छा साबित होगा। आपकी जिंदगी को बदलाव और सुधार नजर आएगा।
देखो
इन दो-तीन दिनों (ठहराव) के दौरान आत्म अवलोकन करें कि अपनी जिंदगी को कैसे जी रहे हैं, क्या ठीक चल रहा है और क्या ठीक नहीं चल रहा है। जब आप रुकते हैं, शांत होते हैं तो जिंदगी की बहुत सारी बातें नजर आने लगेंगी। अपने आप से सवाल करें कि मैं अपनी जिंदगी को किस तरह जीना चाहता हूं? लोग मुझे किस लिए याद करेंगे? यदि मेरी पूरी जिंदगी एक फिल्म की तरह हो तो मैं उस फिल्म का अंत कैसा चाहता हूं? मुझमें क्या खास है? मैं लोगों के जीवन में वैल्यू कैसे एड कर सकता हूं? इन सब सवालों के जवाब लिखें और अपने जीवन का मकसद बनाएं। जितना स्पष्ट मकसद होगा, उतने ही आप जिंदगी में प्रेरित रहेंगे।
Published on:
24 Nov 2017 11:46 am
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