
International News In Hindi : आवाज और अदब ( Laterture) की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है रविदत्त मोहता। राजस्थान के बीकानेर ( Bikaner) के प्रतिष्ठित परिवार राधाकृष्ण मोहता और विमला मोहता के यहां उनका 20 नवंबर 1961 को जन्म हुआ। अमरीका में रह रहे राजस्थान के जोधपुर से ताल्लुक रखने वाले साहित्यकार रविदत्त मोहता से सीधे अमरीका के सेंट मिजोरी लुइस स्टेट ( St. Missouri louis state) से जानिए उनकी सक्सेस स्टोरी ( Success Story)।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सेवाएं दीं
रविदत्त मोहता ने बताया कि उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार में IBPS अधिकारी के रूप में सेवाएं दीं। उन्होंने भारत में दूरदर्शन और रेडियो में बतौर निदेशक काम किया। वर्ष 2021 नवम्बर में रिटायर्ड हुए। एक साहित्यकार के रूप में अज्ञेय,जैनेंद्र और अमृता प्रीतम जी के सान्निध्य में रह कर साहित्य की बारीकियों को समझा, कुछ सीखा और एक कहानीकार के रूप में भारत में विख्यात हुआ।
अध्यात्म ने विराट विश्व को समझने का अवसर दिया
उन्होंने कहा, मेरे जीवन में अध्यात्म वो पहली किताब है ,जिसने मुझे विराट विश्व को समझने का भरपूर अवसर प्रदान किया है। अमरीका में प्रवास करते हुए भारत के महत्व को मैंने भीतर से जाना है। विश्व के सबसे विकसित देश में भारतवंशी हो कर रहना एक जिम्मेदारी भरा प्रवास बन जाता है। मैं जब अमरीका आया तो मेरे दांतों के बीच मात्र एक राम नाम का तिनका दबा था। इस एक तिनके के सहारे मैंने कैलिफोर्निया से अपने जीवन की नई शुरुआत की। कैलिफोर्निया के सेंटा क्लारा santa clara शहर से मेरे आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन की नई शुरुआत हुई।
भारत अमृत महोत्सव में सहयोग
मोहता ने बताया, इस शहर में नासा,गूगल,फेसबुक आदि के मुख्यालय भी हैं। वहां की शीर्ष प्रतिभाओं से मेरा परिचय हुआ।मैंने शहर की हर सामाजिक गतिविधिय में अपना साहित्यिक और आध्यात्मिक योगदान देना शुरू किया। कैलिफोर्निया स्थित राजस्थानियों की संस्था RANA को मैंने भारत अमृत महोत्सव में विशेष सहयोग दिया। इस दौरान भारत के साथ -साथ अंग्रेजी साहित्य और आध्यात्मिक प्रतिभाओं से भी मेरी मुलाकातें होती रही। इसी बीच मेरी मुलाकात बाइडन प्रशासन में शीर्ष अधिकारी और राजनेता अजय भुटोरिया जी से हुई। मैंने उनका एक लंबा साक्षात्कार भारत और अमरीका सम्बन्धों पर लिया,जिसे भारत की कई पत्रिकाओं ने कवर किया ।बाद में अजय जी से एक गहरा आध्यात्मिक रिश्ता भी बना,जो आज भी भारत और अमरीका के सम्बन्धों को नई ऊंचाई की ओर ले जा रहा है।
सन 2022 में सम्मानित किया
उन्होंने बताया, इस दौरान अमरीका में मुझे इंडिया कम्युनिटी सेंटर कैलिफोर्निया की ओर से सन 2022 में सम्मानित भी किया गया। वर्ष 2022 में ही राजस्थान एसोसिएशन कैलिफोर्निया की ओर से विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया और ICC STAR का सम्मान प्रदान किया गया । ग्लोबल हिंदी ज्योति पत्रिका कैलिफोर्निया की ओर से विशिष्ट साहित्य सेवी-सम्मान 2022 प्रदान किया गया।
कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए
मोहता ने बताया, भारत में भी कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से राजस्थान पत्रिका की ओर से सन 2022 में सर्जनात्मक साहित्य अवार्ड(कहानी) पर मिलना मुझे छू गया। मेरी अभी तक कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं,जिनमें अतिमानव पुस्तक लोकप्रिय रही है। अभी ताजा पुस्तक कहानी संग्रह -”गुमशुदा का एक पता”प्रकाशित हुआ है, जिसका लोकार्पण अमरीका में होगा।
बॉर्डर पार की मानविकी समझने की ओर प्रेरित किया
उन्होंने बताया, साहित्य और अध्यात्म ने मुझे बॉर्डर पार की मानविकी को समझने की ओर प्रेरित किया है। भारत का “वसुधैव कुटुम्बकम’का मंत्र ही वर्तमान विश्व व्यवस्था के मानव का सहारा दे सकता है। अमरीका की संयुक्त परिवारविहीन संस्कृति का दुष्प्रभाव यह है कि यहां के बुजुर्ग एक अबोले सन्नाटों में गुम हो रहे हैं। यह स्थिति भारत में भी आ सकती है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र को परिवार माना है।
विश्व की ढहती मानव इमारत की रक्षा कर सकती
मोहता ने बताया,अब यह पारिवारिक दृष्टिकोण ही विश्व की ढहती मानव इमारत की रक्षा कर सकती है। भविष्य में मेरा यह प्रयास रहेगा कि भारत के लोग मिल कर विश्व को पुनः उसके खो चुके अपने परिवार से मिलाने का प्रयास शुरू करें। इसके लिए मैं सभी आध्यात्मिक और साहित्यिक Great minds का आह्वान करता हूँ।
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Published on:
31 Mar 2024 08:15 pm
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