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भारत आ रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, क्या अपने साथ कोरोना की तीसरी लहर भी साथ ला रहे! जानें क्यों जताई जा रही आशंका

चीन, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी समेत यूरोप के कई देशों में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात खराब हैं। ऐसे समय में जब रूस में इन दिनों करीब 40 हजार केस रोज सामने आ रहे और लगभग एक हजार मौत रोज हो रही है, तब पुतिन भारत आने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि उनके आने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है।  

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Ashutosh Pathak

Nov 11, 2021

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नई दिल्ली।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत के दौरे पर आ सकते हैं। दोनों देशों के बीच सालाना शिखर सम्मेलन की संभावित तारीख 6 दिसंबर है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। यह दौरा तब हो रहा है जब एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की पहली खेप इस साल के अंत तक भारत पहुंचेगी। 2021 में पुतिन की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी।

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शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुतिन आख़िरी बार 2018 में आए थे। इसी दौरान S-400 डील पर दोनों देशों ने साइन किए थे। 2019 में पीएम मोदी ने सुदूर पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। भारत ने उस वक्त पूर्वी रूस के विकास में भारतीय बिजनेस भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक बिलियन डॉलर के सॉफ्ट क्रेडिट लाइन की घोषणा की थी।

इस शिखर सम्मेलन में S-400 पर विस्तार से बातचीत होने की उम्मीद है। रूसी स्पूतनिक वैक्सीन का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा और कोविड की दूसरी लहर में मॉस्को ने नई दिल्ली को कई तरह से मदद की थी, ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर भी बातचीत की संभावना है।

दोनों देश अफगानिस्तान के मसले पर भी बातचीत कर सकते हैं। हाल ही में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अफगानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत को मिले हैं। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से रूसी NSA निकोलाई पी। पत्रुशेव दो बार भारत का दौरा का चुके हैं।

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भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध बेहद मजबूत है। चार बड़े प्रोजेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन भारत में होनी है जिसमें 1136।6 फ्रिगेट, असॉल्ट राइफल AK-203 आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही भारत को Su-30 MKI, मिग -29 और गोला-बारूद की अतिरिक्त आपूर्ति होनी है।