
नई दिल्ली।
रूस में वैक्सिनेशन की धीमी रफ्तार और पुतिन सरकार की ओर कोरोना गाइडलाइंस को करीब-करीब खत्म किए जाने का परिणाम वहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना विस्फोट से वहां के हालात काफी खराब हो चुके हैं। बीते कुछ दिनों से वहां मृतकों का आंकड़ा 900 के आसपास है।
रूस में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रोज के मामले और मृतकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज की गई। रूस के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, संक्रमण के 29,409 नए केस आए जो इस साल की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक हैं। वहीं, यह आंकड़ा पिछले साल दिसंबर में महामारी के मामलों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से थोड़ा ही कम हैं। सोमवार को कोरोना संक्रमण से 957 लोगों की मौत हुई।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, रूस में पहले ही मृतकों की संख्या ज्यादा है। यहां करीब 2 लाख 17 हजार लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। संक्रमण और मौत के मामलों में वृद्धि पिछले महीने शुरू हुई और सरकार ने टीकाकरण की धीमी दर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने बताया कि देश की तकरीबन 33 प्रतिशत आबादी ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक ली है और करीब 29 प्रतिशत ने ही पूरी खुराक ली है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने संक्रमण और मौत के मामले बढ़ने पर चिंता जताई है और कहा कि कुछ क्षेत्रों में तो अस्पताल भर चुके हैं। उन्होंने कहा, हमारे यहां टीकाकरण की दर बहुत कम है और गाइडलाइंस फाॅलो नहीं की जा रही, इसलिए मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा है।
Published on:
12 Oct 2021 08:16 am
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