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वॉशिंगटन। आखिर 15वें चरण के मतदान के बाद रिपब्लिकन पार्टी के नेता केविन मैक्कार्थी शनिवार को अमरीकी संसद (कांग्रेस) की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष चुन लिए गए। 57 वर्षीय मैक्कार्थी डेमोक्रेट नैंसी पेलोसी का स्थान लेंगे। मैक्कार्थी प्रतिनिधि सभा के 55वें अध्यक्ष होंगे। 435 सदस्यीय हाउस में रिपब्लिकन पार्टी के 222 और डेमोक्रेट पार्टी के 213 सांसद हैं।
मैक्कार्थी ने 15वें चरण तक चले मतदान में 216 वोट हासिल किए जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के 52 वर्षीय हकीम सेकोउ जेफरीज को 212 वोट मिले। मैक्कार्थी के कटु आलोचक और विरोधियों में से एक फ्लोरिडा के रिपब्लिकन सांसद मैट गैट्ज ने 14वें और 15वें चरण में भी उनके पक्ष में वोट देने से इनकार कर दिया। परेशान मैक्कार्थी उनसे वोट देने की अपील करने के लिए उनके पास भी गए लेकिन गैट्ज ने फिर भी वोट नहीं दिया। मैक्कार्थी ने इसके बाद सोमवार दोपहर तक सदन स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन फिर कुछ विरोधियों के साथ अंतिम क्षण की बातचीत के बाद वे 15वें चरण के मतदान में ही बहुमत हासिल कर सके।
118वीं कांग्रेस में हैं 5 भारतीय
अमरीका की 118वीं कांग्रेस में प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के रूप में पांच भारतीय-अमेरिकी शामिल हैं। इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी के डॉ. अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल हैं। इन सभी ने 14वें चरण के मतदान में जेफरीज को वोट दिया था।
रक्षा बजट पर आएगी आंच
स्पीकर के चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों में जो डील हुई है उसके अनुसार 2024 में सरकार के विवेकाधीन खर्चों पर लगाम लगाई जाएगी। इसका आशय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा बजट में 75 अरब डॉलर समेत विवेकाधीन खर्च में कुल 130 अरब डॉलर की कटौती की जाएगी। इसका आशय यह है कि यूक्रेन को दी जा रही रक्षा मदद में कटौती की जा सकती है और बाइडन की मुसीबतें बढ़ेंगी।
इस डील के अनुसार, मैकार्थी इस बात के लिए सहमत हो चुके हैं कि विवेकाधीन खर्च को 2022 के 1.47 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर लाया जाएगा। बता दें पिछले दिनों बाइडन सरकार ने 1.70 लाख करोड़ डॉलर के बजट पर मुहर लगाई थी।
चीन से बढ़ेगा टकराव
डील के अंतर्गत ये भी शामिल बताया जा रहा है कि चीन पर आक्रामक तरीके से प्रतिबंध लगाते हुए ताइवान को रक्षा और हथियारों की मदद को बढ़ाया जाए। साफ है कि आने वाले दिनों में अमरीका-चीन में ताइवान और अन्य मुद्दों पर टकराव बढ़ सकता है।
शक्तिशाली स्पीकर नहीं रहेंगे केविन
केविन को स्पीकर पद के चुनाव में यह बढ़त तब हासिल हुई है जब उन्होंने विरोधियों की इस मांग को भी मान लिए कि अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए किसी भी सदस्य को मतदान कराने की अनुमति मिल जाएगी। इस प्रकार मैक्कार्थी जीतने के बाद भी एक कमजोर अध्यक्ष रहेंगे जिनके पास कुछ शक्तियां नहीं होंगी और उन पर विरोधियों द्वारा हटाए जाने का खतरा मंडराता रहेगा।
पदाुनक्रम की बात करें तो राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के बाद स्पीकर का पद अमरीका में तीसरा सबसे अहम पद होता है।
Published on:
07 Jan 2023 09:31 pm
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