
Britain PM Rishi Sunak And France President Emmanuel Macron
आगामी एक सप्ताह के अंदर यूरोप के दो अहम देशों में चुनाव होने जा रहे हैं। 29 जून को फ्रांस (France Elections 2024) में प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान है। 4 जुलाई को ब्रिटेन में आम चुनाव हैं। (UK Elections 2024) दोनों ही देशों में सत्ता परिवर्तन की लहर देखी जा रही है। फ्रांस में जहां दक्षिणपंथी दल की सरकार बनना तय माना जा रहा है वहीं ब्रिटेन में वामपंथी दल लेबर पार्टी की 14 साल बाद वापसी तय मानी जा रही है। ब्रिटेन में 26 जून को प्रधानमंत्री पद के दोनों उम्मीदवारों ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और कीर स्ट्रार्मर के बीच आखिरी बहस संपन्न हो गई। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बहस में सुनक को एक अंक से आगे दिखाया गया, लेकिन इसके बावजूद उनकी पार्टी की हार तय मानी जा रही है। बहस में मुख्य रूप से महंगाई, टैक्स बढ़ाने और प्रवासियों से जुड़े मुद्दे हावी रहे। वहीं फ्रांस के चुनावों को इस बार विशेष रूप से अहम माना जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि फ्रांस के चुनाव से सिर्फ यूरोप की राजनीति ही नहीं, ग्लोबल वर्ल्ड ऑर्डर को बदल सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने तो यहां तक कहा है कि धार्मिक विभाजन और बड़ी मात्रा में प्रवासियों के चलते देश गृह युद्ध के कगार पर है। अनुमानों के मुताबिक अगर फ्रांस में दक्षिणपंथी पार्टी का प्रधानमंत्री बनता है तो फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि फ्रांस में संसदीय चुनावों की घोषणा पिछले दिनों राष्ट्रपति मैक्रों ने अचानक तब की थी, जब यूरोपियन यूनियन (European Union) के चुनावों में उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
ब्रिटेन में अवैध प्रवासन एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। 26 जून को इसे कम करने को लेकर लेबर नेता कीर स्टार्मर ने कहा कि वे प्रवासियों को उनके देश में ही (ईरान, सीरिया, अफगानिस्तान) वापस भेज देंगे। उनके इस बयान पर सुनक ने उन्हें तुरंत घेर लिया। सुनक ने कहा कि क्या स्टार्मर ईरान में खामेनई के साथ बैठक करेंगे? क्या वे तालिबान के साथ इससे जुड़ी डील कर पाएंगे? सुनक ने कहा, ये सिर्फ बकवास बातें हैं. आप जनता को मूर्ख समझना बंद कर दीजिए। सुनक ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद जुलाई में ही अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजना शुरू किया जाएगा। वहीं, स्टार्मर ने भी सुनक पर जवाबी हमले किए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सुनक इतने अमीर हैं कि वो आम ब्रिटेन के लोगों की समस्याओं को समझने में सक्षम नहीं हैं।
दूसरी तरफ फ्रांस में मौजूदा संसदीय चुनाव के परिणाम बेहद दूरगामी होने की बात कही जा रही है। इन चुनावों को अमरीका के बाइडन बनाम ट्रंप के चुनावों की तरह देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि, न केवल फ्रांस के लिए, बल्कि यूरोपीय संघ, नाटो और दूसरे विश्व युद्ध के बाद के वर्ल्ड ऑर्डर पर भी इसका असर होगा।
यूरोपीय संघ में फ्रांस की नेतृत्वकारी स्थिति, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसकी मिला हुआ वीटो पॉवर और वैश्विक शक्ति के रूप में इसकी सैन्य पहुंच को देखते हुए फ्रांस में सत्ता परिवर्तन के अनदेखे परिणाम सामने आ सकते हैं। इतना ही नहीं, माना जाता है कि फ्रांस में जिस दक्षिण पंथी पार्टी नेशनल रैली की जीत की संभावना जताई जा रही है, उसके रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वैचारिक और वित्तीय संबंध भी हैं।
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Updated on:
28 Jun 2024 09:59 am
Published on:
28 Jun 2024 09:20 am
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