
Dholi Meena on Australian National Day
Dholi Meena Meets Malta President: प्रवासी भारतीयों ( NRI News in Hindi) ने विदेशों में भारत का नाम खूब रोशन किया है। राजस्थान के दौसा मूल की विख्यात सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर धोली मीणा( Dholi Meena) ने सीधे माल्टा से बताया कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने यूरोप के माल्टा की राष्ट्रपति, अन्य मंत्रियों, राजदूतों और संसद के सदस्यों से मुलाकात की। इस अवसर पर धोली मीणा ने खूबसूरत परंपरागत परिधान धारण किया , जिसमें उन्होंने सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की। कार्यक्रम के दौरान धोली मीणा ने माल्टा की राष्ट्रपति मिरियम स्पिटरी डेबोनो (Myriam Spiteri Debono) से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति डेबोनो धोली मीणा की शानदार ड्रेस के बारे में बहुत उत्सुक दिखीं।
राष्ट्रपति ने जब धोली मीणा से उनकी ड्रेस के बारे में पूछा, तो तीन मिनट से भी अधिक चली बातचीत में धोली ने अपनी संस्कृति का यह महत्वपूर्ण पहलू विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि उनका पहनावा एक पारंपरिक भारतीय लहंगा लुगड़ी है, जो राजस्थानी कला और शिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। लहंगा जटिल कढ़ाई से सजा हुआ था, जिसमें बारीक कारीगरी का उपयोग किया गया था। जयपुर की मशहूर चुंदड़ी के रंग और डिज़ाइन राजस्थान का शानदार इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दर्शाते हैं।
धोली मीणा ने माल्टा की राष्ट्रपति को बताया कि इस तरह के वस्त्र न केवल शारीरिक सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि वे एक सांस्कृतिक पहचान भी दिखाते हैं। ऐसे कपड़े परिवार की स्थिति, क्षेत्रीय पहचान और सामाजिक समारोहों के दौरान व्यक्त की जाने वाली सम्मान की भावना भी दर्शाते हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि इस लहंगे को बनाने में कई कारीगरों ने बहुत समय तक काम किया होगा, जो उनकी कारीगरी और कौशल की अनूठी मिसाल है। माल्टा की राष्ट्रपति ने धोली मीणा के वस्त्र की सुंदरता और उसके पीछे का इतिहास जानकर प्रशंसा की। उन्होंने भारतीय संस्कृति की विविधता और उसके पहनावे के माध्यम से व्यक्त होने वाले कलात्मक रूपों की सराहना की।
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी की पत्नी धोली मीणा एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर हैं, जो राजस्थान के दौसा जिले से हैं। वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक पहनावा प्रमोट करने के लिए जानी जाती हैं। धोली मीणा विशेष रूप से राजस्थानी कला और शिल्प को बढ़ावा देती हैं, खासकर उन पारंपरिक वस्त्रों और डिज़ाइनों के माध्यम से, जो राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दर्शाते हैं। वे यूरोप में समंदर किनारे कम कपडे पहनी हुई विदेशी बालाओं के बीच राजस्थान के लिबास लहंगा लुगड़ी पहन कर वॉक करते हुए वायरल होने के बाद बहुत मशहूर हुई थीं।
Updated on:
30 Jan 2025 07:06 pm
Published on:
30 Jan 2025 06:55 pm
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