
Dr. S. Jaishankar
पिछले साल 24 फरवरी को रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही अमरीका (United States Of America) के साथ ही कई यूरोपीय (European) और अन्य देशों ने भी रूस का विरोध करते हुए उस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। लेकिन रूस से पुराने संबंधों के चलते भारत (India) ने रूस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। इतना ही नहीं, जब लगभग सभी देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया, तब भारत ने रूस से तेल की खरीद को बढ़ाते हुए सस्ती कीमत पर तेल खरीदना शुरू किया। भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, रूस से सस्ती कीमत पर तेल खरीदकर भारत ने उसे यूरोपीय देशों को बेचना भी शुरू कर दिया। इस मामले पर हाल ही में यूरोपीय यूनियन (Europen Union -EU) की तरफ से भारत को चेतावनी दी गई।
क्या दी चेतावनी?
यूरोपीय यूनियन के अधिकारी जोसेप बोरेल (Josep Borrell) ने हाल ही में बयान देते हुए कहा था, "भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है और यह अच्छी बात है। पर अगर भारत उस तेल को रिफाइन करके उसमें पेट्रोल-डीज़ल मिलकर यूरोपीय देशों को बेचता है जो सही नहीं है। यह प्रतिबंधों का उल्लंघन है। ऐसे में यूरोपीय यूनियन को भारत के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की ज़रूरत है।"
विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया करारा जवाब
यूरोपीय यूनियन के अधिकारी की धमकी का भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने करारा जवाब दिया है। जयशंकर ने ब्रसेल्स (Brussels) में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोसेप को करारा जवाब देते हुए कहा, "मैं आपसे यूरोपीय यूनियन के रेगुलेशन को देखने का आग्रह करना चाहूंगा। अगर रूसी तेल को किसी तीसरे देश में रिफाइन किया जा रहा है तो रिफाइन किए गए तेल को रूसी तेल नहीं माना जाता है। मैं आपसे ईयू के 833/2014 रेगुलेशन पर गौर करने का आग्रह करना चाहूंगा।"
Published on:
17 May 2023 04:05 pm
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