
चीन,पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सीपीईसी पर समझौता हुआ है। (फोटो: पत्रिका)
CPEC corridor: BLA बलूचिस्तान के कठिन इलाकों में उग्रवादी हमले (attack) कर सकता है। वे अक्सर बम विस्फोट, सड़क किनारे IED (Improvised Explosive Device) लगाकर हमले करते हैं, जो CPEC के निर्माण और सुरक्षा में बाधा डाल सकते हैं। BLA का लक्ष्य CPEC पर सुरक्षा प्रदान करने वाले पाकिस्तान के सुरक्षा बलों को निशाना बनाना हो सकता है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमले पाकिस्तान (Pakistan) और चीन के संयुक्त उपक्रम CPEC कॉरिडोर का विकास प्रभावित कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों को आर्थिक और सुरक्षा संबंधित नुकसान हो सकता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सुरक्षा और राजनीतिक समाधान करने की आवश्यकता है। ध्यान रहे कि बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों के साथ कई बार संघर्ष हो चुका है। वह ग्वादर पोर्ट या अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा स्थल पर आत्मघाती हमलावर भेज सकता है। बलूचिस्तान में स्थानीय लोगों का लंबे समय से यह आरोप है कि पाकिस्तान और चीन ( China) दोनों उनकी प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहे हैं और स्थानीय समुदायों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। इस असंतोष के कारण BLA जैसे संगठन हिंसक संघर्षों में शामिल हैं।
BLA अक्सर अपनी गतिविधियों का ऐलान करता है, जिसमें CPEC जैसे विकास कार्यों को निशाना बनाने की योजना को स्पष्ट किया जाता है। बीएलए पहले ही कई हमले कर चुका है और इनकी जिम्मेदारी वह स्वीकार करता है। BLA का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराना है, और वे इसे अपनी स्वायत्तता के लिए लड़ाई के रूप में देखते हैं। CPEC जैसी परियोजनाएं उनकी नजर में क्षेत्रीय स्वायत्तता और उनके संसाधनों पर कब्जा करने का एक तरीका हैं। बलूचिस्तान में अत्यधिक प्राकृतिक संसाधन हैं, जैसे गैस, तेल और खनिज। BLA का कहना है कि पाकिस्तान और चीन इन संसाधनों का शोषण कर रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। CPEC के विरोधी: BLA के लिए CPEC एक प्रतीक है कि पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान की आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय पहचान को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
CPEC पाकिस्तान के लिए एक बड़ी आर्थिक संभावनाओं का रास्ता खोल सकता है, लेकिन इस परियोजना को लेकर कई चुनौतियाँ भी हैं, जैसे राजनीतिक अस्थिरता, सुरक्षा मुद्दे और पर्यावरणीय प्रभाव। CPEC की कुल अनुमानित लागत लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें ऊर्जा परियोजनाएं, सड़क नेटवर्क, रेलवे परियोजनाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। CPEC की परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और इसे चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके कई हिस्सों का निर्माण 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, अलबत्ता ग्वादर पोर्ट और ऊर्जा परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं।
CPEC corridor: बलूचिस्तान में बन रहे CPEC कॉरिडोर पर BLA (Baloch Liberation Army) की ओर से संभावित हमले की खबरें पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकती हैं। BLA एक अलगाववादी संगठन है, जो बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग करता है और CPEC जैसी परियोजनाओं को अपनी क्षेत्रीय स्वायत्तता पर एक खतरे के रूप में देखता है। इस प्रकार के हमलों का पाकिस्तान और चीन दोनों पर गंभीर आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव हो सकता है। दरअसल CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) एक विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना है, जो पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। यह कॉरिडोर मुख्य रूप से सड़क, रेलवे, ऊर्जा परियोजनाओं और बंदरगाहों का निर्माण करता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा।
सड़क मार्ग: CPEC के तहत एक नई सड़क बनाई जा रही है, जो पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शुरू होकर चीन के काशगर क्षेत्र तक जाएगी। यह मार्ग लगभग 3,000 किलोमीटर लंबा होगा।
रेलवे नेटवर्क: इस परियोजना में रेलवे नेटवर्क का विस्तार भी किया जा रहा है, जिससे यातायात और मालवाहन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
ऊर्जा परियोजनाएं: CPEC के तहत विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जैसे कोल, गैस और जल विद्युत परियोजनाएं। इन परियोजनाओं से पाकिस्तान में बिजली संकट को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
ग्वादर पोर्ट: ग्वादर पाकिस्तान का एक प्रमुख समुद्री पोर्ट है, और यह चीन विकसित कर रहा है। यह पोर्ट चीन के पश्चिमी हिस्से को अफ्रीका, मध्य-पूर्व और यूरोप से जोड़ने का एक अहम रास्ता बनेगा।
CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) एक विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना है जो पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। यह कॉरिडोर मुख्य रूप से सड़क, रेलवे, ऊर्जा परियोजनाओं और बंदरगाहों का निर्माण करता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा। CPEC की कुल अनुमानित लागत लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें ऊर्जा परियोजनाएं, सड़क नेटवर्क, रेलवे परियोजनाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। CPEC की परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और इसे चरणों में पूरा किया जाएगा। विभिन्न हिस्सों का निर्माण 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन कुछ परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं, जैसे ग्वादर पोर्ट और ऊर्जा परियोजनाएं।
BLA का हमला पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना सकता है। बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ने से पाकिस्तान को आंतरिक सुरक्षा संकट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
चीन को भी सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि CPEC केवल एक आर्थिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह चीन के 'Belt and Road Initiative' (BRI) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि CPEC को सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ता है, तो इससे चीन की वैश्विक व्यापारिक योजनाओं और उसकी रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बड़ा धक्का लग सकता है।
CPEC के तहत ग्वादर पोर्ट को चीन के पश्चिमी प्रांतों और मध्य एशिया तक पहुंच प्रदान करने के लिए विकसित किया जा रहा है। अगर इस पर हमले होते हैं, तो इससे चीन की व्यापारिक और ऊर्जा आपूर्ति की योजनाओं में रुकावट आ सकती है। ग्वादर पोर्ट के माध्यम से चीन को ऊर्जा संसाधनों का आयात और निर्यात करने में समस्या हो सकती है।
साथ ही, पाकिस्तान और चीन के बीच कनेक्टिविटी का भी संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग में रुकावटें आ सकती हैं।
अगर CPEC पर बड़े हमले होते हैं तो पाकिस्तान सरकार को अस्थिरता की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। चीन के लिए, CPEC जैसे बड़े परियोजना में बाधाएं आना उसकी वैश्विक रणनीति के लिए बड़ा झटका हो सकता है, जिससे उसकी 'Belt and Road Initiative' (BRI) की महत्वाकांक्षाओं पर भी असर पड़ेगा।
BLA के हमलों का मुख्य कारण बलूचिस्तान की स्थानीय स्वायत्तता और संसाधनों पर नियंत्रण है। BLA का मानना है कि पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहे हैं, और स्थानीय समुदायों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इस वजह से वे CPEC और अन्य विकास परियोजनाओं का विरोध करते हैं।
Updated on:
21 Mar 2025 04:58 pm
Published on:
21 Mar 2025 12:44 pm
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