
Elon Musk and British PM Keir Starmer
Elon Musk: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जिताने के बाद दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क अब यूरोप में जर्मनी और ब्रिटेन (Britain) जैसे शक्तिशाली देशों के नेताओं से लेकर कनाडा, ब्राजील और वेनेजुएला के शीर्ष नेतृत्व को खुलकर निशाने पर ले रहे हैं। दुनिया भर के नेताओं पर मस्क के हमलों का सबसे बड़ा टूल बन गया है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे मस्क ने फ्री स्पीच की रक्षा के नाम पर खरीदा था। इसका सबसे ताजा उदाहरण है मस्क द्वारा ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर (Keir Starmer) की तीखी आलोचना।
मस्क ने एक्स पर की गई कई पोस्ट में सीधे ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर आरोप लगाते हुए उन्हें बलात्कारियों को बचाने वाला करार दिया है। इसके पहले पिछले दिनों एक हादसे में कुछ लोगों की मौत के बाद मस्क ने जर्मन चांसलर से तुरंत इस्तीफा मांगते हुए उन्हें - अक्षम मूर्ख करार दिया था। इसके पहले मस्क कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बारे में भी खुलकर कह चुके हैं कि उनको अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और अगले चुनाव में उनका जाना तय है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा भी मस्क को आगाह कर चुके हैं कि वे देश के सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करें। मस्क की बयानबाजी से तंग आकर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो तो उन्हें सीधे लड़ने की चुनौती भी दे चुके हैं।
मस्क ब्रिटेन में बच्चियों के यौन उत्पीड़न का जो मुद्दा उठा रहे हैं, उसकी मांग ब्रिटेन में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से कई वर्षों से की जा रही है। दसअसल, रॉदरहैम में एक जांच में पाया गया कि 16 वर्षों में 1400 बच्चियों का यौन शोषण हुआ, जिनमें से ज्यादातर ऐसी वारदातें ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के पुरुष की ओर से की गईं। एलन मस्क ने एक्स पर ऐसी कई पोस्ट शेयर की हैं, जिनमें ब्रिटेन में 'मास रेप' का मुद्दा उठाया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि पीएम बनने से पहले क्राउन प्रॉसिक्यूशन के प्रमुख के रूप में कीर स्टार्मर उन लड़कियों को न्याय दिलाने में विफल रहे हैं।
मस्क ने एक पोस्ट में लिखा है, स्टार्मर रेप ऑफ ब्रिटेन में शामिल थे, जब वे 6 साल तक क्राउन प्रॉसिक्यूशन के प्रमुख थे। यह मुद्दा तब फिर से गरमा गया जब ब्रिटेन की गृह मंत्री जेस फिलिप्स ने ओल्डहैम क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे बाल यौन शोषण की सरकारी जांच की मांग को अस्वीकार कर दिया। एलन मस्क ने इसी के बाद किंग चार्ल्स से संसद को भंग करने और फिर से चुनाव कराने का आग्रह भी किया है।
अरबपति मस्क के इस तरह से दुनिया भर के नेताओं को निशाने पर लिए जाना कई सवाल खड़े करता है। मस्क का नाम अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़ने के बाद उनके बयानों को ट्रंप प्रशासन की राय के रूप में भी देखा जाता है। दूसरी ओर, मस्क और ट्रंप दोनों के ही दुनिया भर में निवेश और कारोबारी हित हैं। ऐसे में मस्क द्वारा वैश्विक नेताओं की आलोचना के पीछे उनके कारोबारी हित होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव के रूप में देखा जा सकता है। गौर करने की बात है कि मस्क सिर्फ किसी एक नेता की आलोचना ही नहीं करते, बल्कि उनको स्पष्ट तौर पर किसी दक्षिणपंथी नेता का समर्थन करते हुए भी देखा जा सकता है, जिसे दखल से कम नहीं माना जा सकता।
विदेशी नेताओं की आलोचना करते हुए मस्क अपनी पंसद छिपाते भी नहीं हैं। मस्क ने स्पष्ट तौर पर ब्रिटेन में धुर दक्षिणपंथी नेता निगेल फराज का समर्थन करते हुए कहा है कि ब्रिटेन को वही बचा सकते हैं। जर्मनी में भी मस्क ने स्पष्ट तौर पर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी का समर्थन किया है। इटली के दक्षिणपंथी पार्टी के नेता और पीएम जॉर्जिया मेलोनी से मस्क की करीबी भी चर्चा में रही है।
Published on:
05 Jan 2025 02:52 pm
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