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Rafale की जासूसी में जुटा चीन, भारत के इस दोस्त मुल्क में हुई साजिश बेनकाब, हाईअलर्ट जारी

चीन लगातार रफाल विमानों को लेकर प्रोपोगेंडा फैला रहा है। साथ ही वह गुपचुप तरीके से रफाल की जासूसी भी कर रहा है। बीते दिनों ग्रीस में चार चीनी नागरिक रफाल फाइटर जेट्स की तस्वीर लेते पकड़े गए हैं।

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Rafale-Fighter-Jet

भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान (फाइल)।

ग्रीस (Greece) के तानाग्रा एयर बेस के निकट चार चीनी नागरिकों (Chinese) को 114वीं फाइटर विंग के रफाल लड़ाकू जेट सहित सैन्य सुविधाओं की तस्वीरें लेते हुए पकड़ा गया है। चीनी नागरिकों (Chiense Nationals) की यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब फ्रांस ने दावा किया कि चीन ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद रफाल जेट्स (Rafale fighter jets) की प्रतिष्ठा को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

ग्रीक मीडिया ने कहा कि चीनी नागरिकों ने सुरक्षाकर्मियों की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए पास के पुल से तस्वीरें लेना जारी रखा। गिरफ्तार किए गए चार चीनी नागरिकों में दो पुरुष, एक महिला और एक युवक को हेलेनिक एयर फोर्स पुलिस ने पकड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में हेलेनिक एयरोस्पेस इंडस्ट्री के सुरक्षा कर्मियों ने इन्हें इलाके से निकलने को कहा, लेकिन ये लोग पास की एक पुलिया पर चले गए और वहां से भी फोटो खींचते रहे। हेलेनिक एयर फोर्स पुलिस ने इन्हें पकड़ा और तानाग्रा पुलिस स्टेशन में सौंप दिया।

ग्रीस पुलिस ने जारी किया अलर्ट

घटना के बाद एयर बेस पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पुलिस के पास इनके कैमरों से बहुत सारी तस्वीरें मिलीं, जो संदेह को और बढ़ा रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह जासूसी का मामला हो सकता है। जांच शुरू हो गई है कि यह अकेली घटना है या किसी बड़े खुफिया अभियान का हिस्सा। इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां सबूतों की जांच कर रही हैं।

ग्रीस ने हाल में खरीदे हैं 24 रफाल

गौरतलब है कि ग्रीस को हाल ही में 24 रफाल लड़ाकू विमानों का एक पूरा बेड़ा प्राप्त हुआ है , जो सभी तनाग्रा एयर बेस पर तैनात हैं। आशंका है कि रफाल के इर्द-गिर्द बढ़ी गतिविधियां उनके प्रदर्शन की हालिया जांच से जुड़ी हो सकती है। खासकर मई में भारत-पाकिस्तान में हालिया तनाव के दौरान रफाल के प्रदर्शन को लेकर उठे सवालों के बीच इस घटना की संवेदनशीलता अहम हो गई है।

गौरतलब है कि फ्रांसीसी सैन्य और खुफिया सूत्रों ने चीन पर रफाल की वैश्विक प्रतिष्ठा को कम करने और खरीदारों को चीनी विमानों की ओर आकर्षित करने के लिए दूतावासों, एआई-जनित सामग्री और सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना अभियान चलाने का आरोप लगाया है।