
गाजा में आईडीएफ ऑपरेशन। ( फोटो क्रेडिट: ANI ) फोटो: एएनआई
IDF Operation in Gaza: इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने शनिवार रात से ग़ाज़ा पट्टी में ‘ऑपरेशन गिदोन के रथ’ (Chariots of Gideon Operation) तेज़ी से आगे बढ़ा दिया है। आईडीएफ सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन अब ग़ाज़ा के सभी हिस्सों में फैल चुका है, और इसके तहत ग़ाज़ा सिटी के पूर्वी हिस्से, खान यूनिस, जबालिया, देर अल-बलाह और बेत लाहिया जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ज़बरदस्त कार्रवाई (IDF Gaza Offensive) की जा रही है। IDF की रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान का फोकस अब हमास (Israel Hamas Conflict) के गहरे सुरंग नेटवर्क, कमांड सेंटर और रॉकेट लॉन्च साइट्स को निशाना बनाने पर है। आईडीएफ अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने रात भर की कार्रवाई में हमास के कई फील्ड कमांडरों को भी टारगेट किया है। इस दौरान इज़राइल की विशेष इकाइयों ने कई बंकरों को ध्वस्त (IDF Operation in Gaza) करने का दावा किया है।
IDF प्रवक्ता ने बताया कि यह व्यापक सैन्य ऑपरेशन ग़ाज़ा में "युद्ध के सभी प्रमुख उद्देश्यों" को पूरा करने के लिए चलाया जा रहा है — इनमें बंधकों की सुरक्षित वापसी, हमास की सैन्य क्षमताओं का विनाश, और इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा प्रमुख है। सैन्य बल दक्षिणी कमान के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और रणनीतिक इलाकों में स्थायी उपस्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में पहली बार IDF ने "मल्टी-लेयर वारफेयर" की रणनीति अपनाई है — जिसमें एक साथ जमीनी टुकड़ियों, हवाई बमबारी, नौसेना की घेराबंदी, और साइबर अटैक को मिलाकर चलाया जा रहा है।
IDF अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए संदिग्ध हमास ठिकानों को रीयल टाइम में पहचान रहा है। AI सिस्टम्स में नागरिक गतिविधियों और आतंकी मूवमेंट्स को अलग-अलग वर्गीकृत करने की क्षमता है — जिससे "कोलेटरल डैमेज" को कम करने का दावा किया जा रहा है।
IDF अब हमास की भूमिगत रणनीति को तोड़ने के मिशन पर है। ग़ाज़ा के अंदर दर्जनों किलोमीटर लंबी सुरंगें हैं, जो आतंकियों के आवागमन, हथियार भंडारण और बंधकों की छिपाने की जगह बन चुकी हैं। अब शुरू हुआ है "ऑपरेशन सुरंग शिकंजा", जिसमें खासतौर पर सुरंगों को नष्ट करने के लिए थर्मल सेंसर ड्रोन और दीवारों को भेदने वाले रोबोट तैनात किए गए हैं।
युद्ध के बीच आम नागरिकों की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। गाजा के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो चुकी है। स्थानीय अस्पतालों में ईंधन और दवाओं की भारी कमी हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस, और ह्यूमन राइट्स वॉच ने चेतावनी दी है कि यदि मानवीय सहायता जल्द नहीं पहुंचाई गई, तो हालात "नियंत्रण से बाहर" हो सकते हैं।
जहां अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने ग़ाज़ा में आम नागरिकों पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई है, वहीं इज़राइली पब्लिक में IDF के इस जवाबी अभियान को लेकर बड़ा समर्थन देखा जा रहा है। तेल अवीव यूनिवर्सिटी के एक सर्वे के अनुसार, 76% नागरिक चाहते हैं कि "हमास को जड़ से उखाड़ दिया जाए।"
सेना से जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि अगर बंधकों की वापसी और हमास की गतिविधियों को पूरी तरह रोका नहीं गया, तो यह अभियान लंबे समय तक चल सकता है और इसमें और ज्यादा ग्राउंड ट्रूप्स शामिल किए जा सकते हैं।
विशेष जानकारी के अनुसार, IDF इस बार सिर्फ जमीनी ऑपरेशन नहीं, बल्कि साइबर हमला, सिग्नल ब्लॉकिंग, और AI-निर्देशित ड्रोन स्ट्राइक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर AI-संचालित आर्टिलरी को सक्रिय किया गया है।
Updated on:
17 May 2025 05:52 pm
Published on:
17 May 2025 04:56 pm
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