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‘देश में लागू होकर रहेगा शरिया कानून’, इस्लामी कट्टरपंथियों ने जर्मनी को दी धमकी

Muslims in Germany: इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकी के बाद विपक्ष और देश के बहुसंख्यक आबादी में धर्म विशेष के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है।

नई दिल्लीSep 02, 2024 / 04:43 pm

Jyoti Sharma

Muslism on Germany

German Protest agains Muslism community

Muslims in Germany: दो दिन पहले जर्मनी में ISIS का भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें एक महिला आतंकवादी ने एक चलती बस में चाकू से लोगों पर हमला कर दिया था जिससे 3 लोगों की मौत हो गई थी, इससे 4 दिन पहले भी जर्मनी में आतंकी हमला हुआ, जिसमें इस्लामी कट्टरपंथियों के शामिल होने के सबूत मिले थे। इन आतंकी घटनाओं के खिलाफ जर्मनी में विपक्ष के नेता अप्रवासी कानून में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं जिसके खिलाफ हजारों की संख्या में इस्लाम धर्म (Islamist) से जुड़े लोग जर्मनी की सड़कों पर उतर आए हैं, और इस कानून में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इस प्रदर्शन के जरिए अब ये कट्टरपंथी जर्मनी में शरिया कानून लागू करने की मांग उठा रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये लोग अब जर्मनी की सरकार को धमका रहे हैं कि यहां पर मुस्लिम धर्म के लोग सबसे ज्यादा हैं इसलिए अब वो जर्मनी में शरिया (Sharia Law) कानून लागू करवा कर ही रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े। जर्मन सरकार को इस तरह की धमकी देने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों का वीडियो भी सोशल मी़डिया पर जमकर वायरल हो रहा है, आप भी ये वीडियो देखिए,

धर्म विशेष के खिलाफ जर्मनी में बढ़ा आक्रोश

बता दें कि जर्मनी में लगातार हो रहे धर्म विशेष से जुड़े आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ अब देश की जनता विरोध में आ गई है और सरकार से लगातार अवैध प्रवासियों के कानून में बदलाव करने को कह रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी में कुल जनसंख्या के 7 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म से जुड़े हुए हैं। हालांकि कई रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि मुस्लिम धर्म से जुड़े लोगों के डेटा को लेकर कोई सही आंकड़ा जर्मनी में अभी भी नहीं है, क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण मुस्लिमों का अप्रवासन है।

जर्मनी में इस्लाम धर्म

डॉयचे इस्लामकॉन्फ़्रेंज़ के मुताबिक, 2020 में जर्मनी में 5.3 से 5.6 मिलियन मुसलमान रहते थे। अब जर्मनी में मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है और अब ये देश का सबसे बड़ा गैर-ईसाई धर्म बन गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बर्लिन में अरब लोगों की सबसे ज़्यादा संख्या है। यहां अरब देशों की जनसंख्या का 2-3 प्रतिशत यानी 100,000 लोग रहते हैं। जर्मनी में बुंडेस्टैग शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम से कम 2,350 से 2,750 मस्जिद मंडलियां या संघ हैं। जर्मनी के कई स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की संख्या 80 प्रतिशत से ज़्यादा है। जानकरों के मुताबिक जर्मनी के मूल प्रवासियों में धर्म विशेष के खिलाफ बढ़ती असहिष्णुता का एक बड़ा कारण ये भी है। 

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