
World Economic Forum in Davos
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी WEF की सोमवार से दावोस में शुरू हो रही 5 दिवसीय बैठक में भारत की ‘विविधता में एकता’ पूरी झलक देखने को मिलेगी। भारत इस बार अपना अब तक का सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है। इसमें भी सबसे बड़ा दल आंध्रप्रदेश की ओर से जा रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 कंपनियों के CEO, सरकार, नागरिक समाज और कला और संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), टाटा समूह के एन चंद्रशेखरन, आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) भी बैठक में शिरकत करेंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे।
दावोस रवाना होने से पहले कहा भारत ने डिजिटल इंडिया (Digital India) कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल ढांचा बनाया है और उसके जरिए जो समावेश विकास हासिल किया है, उसे समझने में दुनिया की बहुत रुचि है। इसके मद्देनजर दावोस में भारत के समावेशी विकास, सामाजिक, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर व्यापक चर्चा होना तय है।
वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के साथ चार केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी बैठक में शामिल होंगे। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री क्रमशः देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis), एन चंद्र बाबू नायडू और ए रेवंत रेड्डी भी बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और तमिलनाडु के टी आर बी राजा, केरल के पी राजीव सहित कई अन्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री भी यहां मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश की भी मौजूदगी दावोस में दिखेगी। यहां अभी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र सरकार ने WEF की वार्षिक बैठक में सात लाख करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही केंद्र सरकार भी अपने मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के माध्यम से भारत को एक समग्र निवेश गंतव्य में रूप में प्रस्तुत करेगी।
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump), जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) सहित दुनिया के शीर्ष 60 राजनीतिक नेता WEF की बैठक को संबोधित करेंगे। ट्रंप के 23 जनवरी को यहां पहुंचने का अनुमान है।
वर्ष 2025 की डब्ल्यूईएफ की बैठक इस बार भी खास है कि पहली बार छह भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और केरल के प्रतिनिधिमंडल एक ही पवैलियन में नजर आएंगे। इसका उद्देश्य भारत को राज्यों के एक संघ के रूप में प्रस्तुत करना है। चाहे निवेश राज्य ए में आ रहा हो या राज्य बी में, यह अंततः भारत में ही आ रहा है। सभी छह राज्य इस पर सहमत हैं - चाहे वे भाजपा शासित हों, सहयोगी हों या विपक्ष शासित हों। इसके अलावा भारत का एक और मंडप होगा, जहां केन्द्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल रहेगा।
Updated on:
21 Jan 2025 11:50 am
Published on:
20 Jan 2025 10:08 am
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