
Iran and America
Iran nuclear deal: ईरान ( Iran ) ने अमेरिका के आदेशात्मक और धमकी भरे लहजे में बात कहने पर उस पर पलटवार किया है। उसने डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) से साफ कह दिया है कि हम न आपके आदेश मानेंगे और न धमकियों से डरेंगे, आपको जो करना हो कर लो। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने भी शनिवार को यह स्पष्ट किया था कि तेहरान को बातचीत के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। ट्रंप ने ईरान से एक नए परमाणु समझौते ( Nuclear deal) पर बातचीत करने का आग्रह करते हुए पत्र भेजा था, जबकि उन्होंने ईरान पर "अधिकतम दबाव" अभियान फिर से लागू करने की बात कही थी।
ईरान अमेरिका से किसी भी प्रकार की बातचीत करने के पक्ष में नहीं है। इसके अलावा, ईरान ने ट्रंप के "अधिकतम दबाव" अभियान को पूरी तरह से नकारा और इसे अपने खिलाफ एक तरह का आर्थिक युद्ध माना।इस प्रकार, ईरान ने अमेरिका के परमाणु समझौते के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और बातचीत के लिए किसी भी प्रकार की शर्तें स्वीकार नहीं की हैं। बहरहाल ईरान ने अमेरिका की धमकियों और दबाव के बावजूद बातचीत करने से इनकार कर दिया है और दोनों देशों के बीच तनाव जारी है।
ईरान के पास परमाणु हथियार होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। हालांकि, ईरान ने हमेशा यह कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम हथियार बनाने के लिए नहीं, शांति और ऊर्जा उत्पादन के लिए है । ध्यान रहे कि ईरान ने 2015 में हुए जॉइंट कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) या ईरान परमाणु समझौते के तहत अपना परमाणु कार्यक्रम सीमित किया था, जिसके अंतर्गत ईरान ने अपना यूरेनियम संवर्धन कम किया और कुछ परमाणु सुविधाओं को बंद किया। इसके बदले में ईरान पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में ढील दी गई थी।
Updated on:
12 Mar 2025 01:17 pm
Published on:
12 Mar 2025 01:16 pm
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