
Terrorist silhouette
अफ़्रीकी देशों में पिछले कुछ साल में आतंकवाद ने पैर पसारे हैं और इसका असर भी दिखने लगा है। कई अफ़्रीकी देश आतंकवाद के चंगुल में बुरी तरह फंस चुके हैं और आए दिन ही आतंकी हमलों के मामले इन देशों में देखने को मिलते हैं। कई आतंकी संगठनों ने भी अफ़्रीकी देशों में अपनी जड़ें फैलाई हैं और स्थानीय लोगों को भी आतंकी गतिविधियाँ में लिप्त कर लिया है। इसके चलते इन देशों में माहौल भी बिगड़ता है। शुक्रवार को अफ़्रीकी देश युगांडा (Uganda) में आतंकवाद का इसी तरह का एक मामला देखने को मिला।
स्कूल पर आतंकी हमला
शुक्रवार को युगांडा के एक स्कूल पर आतंकी हमले का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार यह हमला पश्चिमी युगांडा में स्थित म्पोंडवे (Mpondwe) में लुबिरिरा सेकेंडरी स्कूल में हुआ। इस हमले में करीब 41 छात्रों की मौत हो गई। वहीं कुछ घायल हो गए। घायलों को नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया है जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
हमले के पीछे किसका हाथ?
युगांडा की पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि म्पोंडवे में लुबिरिरा सेकेंडरी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में युगांडा के ही एक आतंकी संगठन अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज़ (Allied Democratic Forces - ADF) का हाथ है। यह आतंकी संगठन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो (Democratic Republic of Congo) बेस्ड है और इसका इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS से कनेक्शन है।
क्या है अफ़्रीकी युवकों के आतंकवाद में लिप्त होने की वजह?
अफ़्रीकी देशों में युवकों के आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने की मुख्य वजह है इन देशों की लिविंग कंडीशंस। कई अफ़्रीकी देशो में गरीबी बहुत ज़्यादा है और महंगाई काबू से बाहर है। इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों की लिविंग कंडीशंस काफी खराब रहती हैं। इसी बात का फायदा उठाते हुए आतंकी संगठन युवकों को भड़काते हैं और उनकी बातों में आकर युवक आतंकवाद की राह चुन लेते हैं।
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Updated on:
17 Jun 2023 03:36 pm
Published on:
17 Jun 2023 12:37 pm
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