
hezbollah Syndicate
Israel-Hezbollah Conflict: इज़राइल और लेबनान के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों पर विवाद इज़राइल और हिज़बुल्लाह में संघर्ष का मूल कारण है। हिज़बुल्लाह एक सशस्त्र संगठन है जो इज़राइल के खिलाफ हमलों में शामिल रहा है, जिससे इज़राइल की सुरक्षा को खतरा महसूस होता है। हिज़बुल्लाह को विभिन्न देशों द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में देखा जाता है, जबकि इसके समर्थक इसे एक प्रतिरोधात्मक आंदोलन मानते हैं। इज़राइल के हिज़बुल्लाह से नफरत करने की वजह यह है कि इसके कई जटिल राजनीतिक, धार्मिक, और ऐतिहासिक कारण हैं। हिज़बुल्लाह ने कई राजनीतिक और सैन्य चुनौतियों का सामना किया है और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहा है। हिज़बुल्लाह के लड़ाकों की संख्या लगभग 20,000 से 30,000 तक हो सकती है।
सीमा विवाद: इज़राइल और लेबनान की सीमाओं के आसपास विवादित क्षेत्र हैं, जो हिज़बुल्लाह और इज़राइल के बीच संघर्ष का कारण बनते हैं।
हिज़बुल्लाह का गठन: हिज़बुल्लाह की स्थापना 1980 के दशक में इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध के लिए की गई थी, जो इज़राइल के खिलाफ संघर्ष को मजबूत करने के उद्देश्य से बनी एक शिया मिलिशिया है।
मध्य पूर्व में प्रभाव: हिज़बुल्लाह को ईरान और सीरिया का समर्थन प्राप्त है, जिससे इज़राइल को लगता है कि हिज़बुल्लाह एक क्षेत्रीय खतरा है जो उसके अस्तित्व को चुनौती देता है।
आत्मरक्षा के दावे: इज़राइल अपने खिलाफ हिज़बुल्लाह के लगातार हमलों और रॉकेट हमलों को आत्मरक्षा के रूप में देखता है, जिससे दोनों के बीच तनाव और बढ़ता है।
धार्मिक मतभेद: इज़राइल एक यहूदी राज्य है, जबकि हिज़बुल्लाह एक शिया मुस्लिम संगठन है, और धार्मिक भिन्नताएँ भी संघर्ष में योगदान करती हैं। ये सभी कारक इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच की नफरत और संघर्ष बढ़ाते हैं।
स्थापना: हिज़बुल्लाह की स्थापना 1982 में लेबनान में इजराइली आक्रमण के जवाब में हुई। इसका उद्देश्य इजराइल के खिलाफ प्रतिरोध करना और लेबनान में शियाओं के अधिकारों की रक्षा करना था।
राजनीतिक और सैन्य संगठन: हिज़बुल्लाह एक राजनीतिक दल भी है, जो लेबनान की संसद में प्रतिनिधित्व रखता है। इसके साथ ही, यह एक सशस्त्र संगठन भी है, जिसे इजराइल के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों के लिए जाना जाता है।
आर्थिक और सामाजिक सेवाएँ: हिज़बुल्लाह ने लेबनान में कई सामाजिक और आर्थिक सेवाएँ भी प्रदान की हैं, जैसे अस्पताल, स्कूल, और अन्य सेवाएँ, जिससे इसे स्थानीय समर्थन प्राप्त हुआ।
संघर्ष: हिज़बुल्लाह इजराइल के साथ कई युद्धों में शामिल रहा है, जैसे 2006 का इजराइल-लेबनान युद्ध, जिसने दोनों पक्षों के बीच गहरी दुश्मनी को बढ़ा दिया।
नईम कासिम हिज़बुल्लाह के उपाध्यक्ष और एक प्रमुख नेता हैं। उन्होंने संगठन के भीतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे सैन्य, राजनीतिक, और धार्मिक मामलों में मार्गदर्शन प्रदान किया है।
भूमिका: नईम कासिम हिज़बुल्लाह के संस्थापक नेता हसन नसरुल्लाह के निकट सहयोगी रहे हैं और संगठन के निर्णय लेने में एक प्रमुख आवाज हैं।
राजनीतिक सक्रियता: वे लेबनान में हिज़बुल्लाह के राजनीतिक उद्देश्यों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और संगठन की राजनीतिक रणनीतियों को विकसित करने में सहायक हैं।
सामाजिक सेवाएँ: कासिम हिज़बुल्लाह की ओर से दी जाने वाली सामाजिक सेवाओं की पहल में भी शामिल हैं, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा।
सुरक्षा मुद्दे: नईम कासिम अक्सर इजराइल के खिलाफ हिज़बुल्लाह की सैन्य गतिविधियों और संघर्षों पर बयान देते हैं, और संगठन की सुरक्षा नीतियों का समर्थन करते हैं।
वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीति: कासिम ने हिज़बुल्लाह के संबंधों को ईरान और सीरिया के साथ मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो कि संगठन की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है।
Updated on:
18 Oct 2024 02:43 pm
Published on:
18 Oct 2024 02:41 pm
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