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Israel-Palastine War: ये कैसा युद्ध! भोजन के इंतजार में बैठे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सैनिकों ने बरसाई गोलियां, 70 की मौत

इजरायल-फिलिस्तीन के इस युद्ध में कितने निर्दोषों की जानें जा रही हैं, ये एक गंभीर सवाल बनता जा रहा है। भूख और प्यास से तड़प रहे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सैनिकों की कार्रवाई ने पूरी दुनिया के सामने एक सवाल खड़ा कर दिया है।

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Israel-Palastine War

Israel-Palastine War

इजरायल और फिलिस्तीन का युद्ध (Israel-Palastine War) अब खत्म होगा, इसका इंतजार लगभग पूरी दुनिया के लोग कर रहे हैं, इस बर्बर नरसंहार से आम जनमानस त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस युद्ध में मानव मूल्य खत्म होते दिख रहे है। दरअसल गाजा (Gaza) में इजरायली सैनिकों ने निर्दोष भूखे फिलिस्तीनियों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। जिसमें 70 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए। इस पूरी घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने इसे निर्मम नरसंहार करार दिया है।

खाद्य सामग्री की राह तक रहे थे निर्दोष नागरिक

बता दें कि अकाल के दरवाज़े पर खड़े गाजा में आज सैकड़ों नागरिक खाद्य सामग्रियों के ट्रक के आने की राह देख रहे थे, तभी वहां इजरायली सैनिक हथियारों के साथ पहुंच गए, उन्होंने खाद्य सामग्री लेकर आ रहे ट्रकों को तो रोका ही, इसके बाद भूखे नागरिकों पर अंधाधुंध गोली चला दी। यही नहीं इसके अलावा गाज़ा में नुसीरात, ब्यूरिज और खान यूनिस शिविरों में अलग-अलग इजरायली हवाई हमलों और गोलाबारी में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं।

डराने वाले हैं अस्पतालों के नजारे

फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले पर ध्यान देने को कहा है और नागरिकों की सुरक्षा के एकमात्र तरीका के तौर पर युद्धविराम के लिए तत्काल दखलअंदाजी करने का आह्वान किया है। अल-शिफ़ा अस्पताल में नर्सों के विभाग के प्रमुख जदल्ला अल-शफ़ीई ने इस मामले पर कहा कि इस हालात को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। ये चार महीने पहले बैपटिस्ट अस्पताल के अंधेरे दृश्यों की याद दिलाता है जहां एक इजरायली हवाई हमले में 500 लोग मारे गए थे।

संसाधन खत्म, कैसे करें इलाज

इस हमले के बाद अस्पतालों के अंदर के नज़ारे बेहद कचोट देने वाले हैं। अल-शफ़ीई बताते हैं कि सुबह से ही अस्पताल दर्जनों शवों और सैकड़ों घायलों से भर गया है। ज्यादातर पीड़ितों को सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से में गोली के घाव और छर्रे लगे हैं, वो सीधे तोपखाने की गोलाबारी, ड्रोन मिसाइलों और बंदूक की गोलियों से प्रभावित हुए हैं। हम तो ऑपरेटिंग थिएटरों से बाहर हैं, मेडिकल स्टाफ की तो बात ही छोड़ दीजिए। अस्पताल चलाने के लिए हमारे पास चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन ख़त्म हो गया। हमें उम्मीद है कि हम घायलों को जीवनरक्षक सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे। ये सभी गंभीर हालत में फर्श पर पड़े हुए हैं। आपूर्ति और कर्मचारियों की इस कमी के बीच हम असहाय खड़े हैं।

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