
Operation Sindoor
Operation Sindoor: भारत ने बुधवार (7 मई) तड़के 2 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई, जिसने भारत और वैश्विक समुदाय में आक्रोश पैदा किया था। बहावलपुर, जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का गृहनगर और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का सुरक्षित ठिकाना है, जहां मसूद अजहर बेरोकटोक घूमता और शुक्रवार की नमाज में उपदेश देता है।
बहावलपुर का चयन केवल सामरिक नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक भी था। यह न केवल मसूद अजहर का गृहनगर है, जहां वह खुलेआम घूमता और शुक्रवार की नमाज में उपदेश देता है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के लिए भी यह एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है। हाफिज सईद, जिसे 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, बहावलपुर में समय-समय पर छिपता रहा है, जब वह पाकिस्तान की दिखावटी हिरासत से बचता है। इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकी ठिकानों को न केवल सीमा के पास, बल्कि पाकिस्तान के भीतर गहरे तक निशाना बना सकता है।
पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को "पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता" दी थी। उन्होंने आतंकवाद को "कुचलने वाला प्रहार" देने के राष्ट्रीय संकल्प पर जोर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने की।
इस कार्रवाई के बाद जैसलमेर, बीकानेर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंधों के कारण बीकानेर और जोधपुर से उड़ानें प्रभावित हुई हैं। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे एयरपोर्ट पहुंचने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति जांच लें।
'ऑपरेशन सिंदूर' न केवल भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख अब और सख्त होगा। बहावलपुर जैसे आतंकी केंद्रों को निशाना बनाकर भारत ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवादियों और उनके आकाओं को कहीं भी, कभी भी जवाब दे सकता है। यह कार्रवाई न केवल भारत की संप्रभुता की रक्षा का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का भी संदेश देती है।
'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने हिस्सा लिया, जिसमें सटीक मिसाइलों और संभवतः ड्रोनों का इस्तेमाल किया गया। इस ऑपरेशन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भारत का सख्त संदेश है कि आतंकी ठिकानों के खिलाफ उसकी कार्रवाई केवल सीमा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पाकिस्तान के भीतर गहराई तक पहुंचेगी। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि यह सैन्य कार्रवाई "केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक" थी, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया। सेना ने स्पष्ट किया, "भारत ने लक्ष्य चयन और कार्रवाई के तरीके में उल्लेखनीय संयम दिखाया है।"
Published on:
07 May 2025 06:36 am
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