
Kash Patel appointed by Donald Trump as new director of FBI
Kash Patel: भारतवंशी काश पटेल अब FBI के नए निदेशक होंगे। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये बड़ा फैसला लिया है। अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक के तौर पर काश पटेल की नियुक्ति दिखा रही है कि ट्रंप भारतवंशियों को कितनी तवज्जो दे रहे हैं। ट्रंप (Donald Trump) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप 'काश' पटेल संघीय जांच ब्यूरो के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, जांचकर्ता और अमेरिका फर्स्ट योद्धा हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है। ट्रंप ने ये भी कहा कि काश पटेल ने रूस, रूस के झांसे को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई है। काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान एक अविश्वसनीय काम किया, जहां उन्होंने रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में काउंटर टेररिज्म के लिए वरिष्ठ निदेशक के रूप में कार्य किया।”
ट्रंप ने कहा कि काश पटेल ने 60 से ज्यादा जूरी ट्रायल में भी हिस्सा लिया हैं। ये अमेरका में बढ़ते अपराधों को रोकने का काम करेंगे। सीमा पार से मानव और ड्रग्स तस्करी से अमेरिका को बचाएंगे। बता दें कि अगर अमेरिकी सीनेट की तरफ से काश की नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो काश पटेल अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी FBI का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले दक्षिण एशियाई होंगे।
काश पटेल मूल रूप से भारत के गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। उनका पूरा नाम कश्यप पटेल है। काश पटेल के पिता 1970 के दशक में अमेरिका आ गए थे। इसके बाद 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में काश पटेल का जन्म हुआ। काश ने ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्ट्रीय कानून की पढ़ाई की है। काश राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं.
काश पटेल एक अमेरिकी वकील और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। वे अमेरिका की राजनीति और सुरक्षा नीति में अहम भूमिका निभा चुके हैं। काश पटेल डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान चर्चा में आए थे। पटेल ने कई प्रमुख सरकारी पदों पर कार्य किया है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council) और रक्षा विभाग (Department of Defense) शामिल हैं। काश हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में रिपब्लिकन स्टाफ के वरिष्ठ सदस्य भी रह चुके हैं। जहां उन्होंने रूस के साथ कथित संबंधों की जांच के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे "न्यूनस मेमो" (Nunes Memo) के सह-लेखक भी रहे हैं जिसने रूस की जांच में FBI और न्याय विभाग (DoJ) की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
Published on:
01 Dec 2024 02:39 pm
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