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29 सवालों के जवाब देकर जान सकते हैं अपनी मौत की तारीख, ये ऐप दिखा देगी आईना

Death Clock AI ऐप 1200 से अधिक मेडिकल स्टडीज पर आधारित है और व्यक्ति की आदतों, सेहत और जीवनशैली के बारे में जानने के बाद आपकी संभावित डेथ डेट बताती है।

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भारत

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Ashish Deep

Jun 09, 2025

Death Clock AI पर आधारित कैलकुलेशन से जानकारी देती है। AI generated Image

क्या आप जानना चाहते हैं कि आप अभी कितने साल जिएंगे? यह सवाल पूछना डरावना लगता है ना? लेकिन एक नई ऐप को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह आपके जीवन के बचे हुए साल का अनुमान लगा सकती है, वह भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से। Death Clock AI ऐप 1200 से अधिक मेडिकल स्टडीज पर आधारित है और व्यक्ति की आदतों, सेहत और जीवनशैली के बारे में जानने के बाद आपकी संभावित डेथ डेट बताती है। हालांकि इसमें साफ लिखा है-यह सिर्फ मनोरंजन के लिए है, लेकिन इसके नतीजे मजाक नहीं हैं। यह आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे।

एक पत्रकार ने किया टेस्ट

वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार स्टीवन पेट्रो ने जब इस ऐप को इस्तेमाल किया तो उन्हें बताया गया कि वह 2042 तक जीवित रहेंगे, यानी 84 साल की उम्र तक। इससे पहले एक पुराने कैलकुलेटर ने 2031 में उनकी मृत्यु बताई थी। नए नतीजों से उन्हें 11 साल का बोनस मिल गया।

ऐप आपसे 29 सवालों के जवाब देने को कहती है: मसलन

1- आपको कैसी नींद आती है?
2- आप कितना चलते हैं?
3- स्मोकिंग करते हैं या नहीं?
4- कैंसर स्क्रीनिंग कराते हैं या नहीं?

इनके सवालों के जवाब के आधार पर ऐप बताती है कि आपके मरने की आशंका कब और किस कारण से सबसे अधिक हैं। स्टीवन के केस में वह कारण थे: नींद की गड़बड़ी, दिल की बीमारी और कैंसर।

'अपनी तारीख जानिए, अपनी किस्मत बदलिए।'

इस ऐप का स्लोगन है: 'अपनी तारीख जानिए, अपनी किस्मत बदलिए।' यानी अगर आप अपनी आदतें सुधारें, फल-सब्जियां खाएं, बेहतर नींद लें, एक्सरसाइज करें तो आपकी उम्र कुछ साल और बढ़ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय भी अहम है।

जीवन जीने की स्टाईल को एक नया नजरिया

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के बायोएथिसिस्ट आर्थर कैपलान कहते हैं कि ऐप जीवन जीने की स्टाईल को एक नया नजरिया देता है, लेकिन सामाजिक और आर्थिक कारकों को पूरी तरह नहीं माप सकता, जैसे आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, शिक्षा और प्रदूषण का स्तर। और हां, डेटा प्राइवेसी भी एक बड़ी चिंता है।

यूजर का डेटा थर्ड पार्टी को देगी ऐप

कैपलान के मुताबिक ऐप की नीति कहती है कि यूजर का डेटा थर्ड पार्टी के साथ साझा किया जा सकता है, तो जानिए कब मरेंगे से पहले, ये भी जानिए कि आपका डेटा किसे मिलेगा। इसलिए अगली बार जब आप ‘डेथ क्लॉक’ खोलें, तो सिर्फ हंसी-मजाक के लिए नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत के लिए खोलें ताकि जिंदगी थोड़ी लंबी और बेहतर हो सके।