नेपाल में पिछले कुछ समय से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था, जिस वजह से देश के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की सरकार पर भी खतरे की तलवार लटक रही थी। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे थे कि नेपाल में जल्द ही सियासत पलटी मारेगी और देश में नई सरकार बनेगी। अब वैसा ही हुआ जैसा सबने सोचा था। नेपाल के पीएम प्रचंड को शुक्रवार को नेपाल की संसद में विश्वास मत नहीं मिला और उनकी सरकार गिर गई। ऐसे में पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
19 महीने पीएमरहे प्रचंड
प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को नेपाल के पीएम बने थे। अलग-अलग मौकों पर उन्हें विश्वास मत हासिल करना पड़ा, पर 4 मौकों पर उन्हें ऐसा करने में सफलता मिली। 5वीं बार प्रचंड को विश्वास मत हासिल करने में सफलता नहीं मिली और उनके हाथ से सत्ता छिन गई। ओली की पार्टी के समर्थन वापस लेने की वजह से ही प्रचंड की सरकार गिरी।
रविवार को शपथ लेंगे ओली
ओली रविवार, 14 जुलाई को एक बार फिर नेपाल के पीएम के तौर पर शपथ लेंगे। ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ सात सूत्री सत्ता-साझेदारी समझौता कर लिया है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने भी नेपाल के नए पीएम के तौर पर ओली को समर्थन दे दिया है।
डेढ़ साल के लिए ओली बनेंगे पीएम
सात सूत्री सत्ता-साझेदारी समझौते के तहत ओली और देउबा बारी-बारी से नेपाल के पीएम पद का कार्यभार संभालेंगे। पहले ओली डेढ़ साल के लिए नेपाल के पीएम बनेंगे और फिर प्रतिनिधि सभा की शेष अवधि के लिए देउबा नेपाल के पीएम बनेंगे।
यह भी पढ़ें- भीषण रोड एक्सीडेंट में 6 लोगों ने गंवाई जान
Published on:
13 Jul 2024 04:59 pm