इजरायल और मालदीव के बीच कोई संबंध भी नहीं
बता दें कि मालदीव और इजरायल के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं (Maldives Ban Israelis) और इसी वजह से इजरायली नागरिकों को मालदीव में एंट्री की अनुमति भी नहीं है। ऐसा क्यों है वो हम आपको बता रहे हैं-
1. राजनीतिक और धार्मिक विचारधारा
मालदीव (Maldives) एक मुस्लिम बहुल देश है और उसने इजरायल के फिलिस्तीन को लेकर नीतियों और कार्यों के खिलाफ आवाज उठाई है। मालदीव की सरकार और जनता का व्यापक समर्थन फिलिस्तीनियों के लिए है और ये इजरायल (Israel) के साथ किसी भी तरह के संबंध स्थापित करने में रुकावट बनता है। 2. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और समर्थन थोड़ा इतिहास में झांकें तो पता चलेगा कि मालदीव ने फिलिस्तीन के समर्थन में कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई है। इजरायल के साथ संबंधों को लेकर मालदीव के हालात उसके राजनीतिक और धार्मिक विचारधारा से मेल खाती है।
3. आंतरिक नीति और विदेश नीति
मालदीव की सरकार ने अपने आंतरिक और विदेश नीति के तहत इजरायल के नागरिकों के एंट्री पर प्रतिबंध लगाया है। बताया गया है कि ये प्रतिबंध मालदीव की राष्ट्रीय सुरक्षा और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए लगाया गया है।
4. क्षेत्रीय और वैश्विक दबाव
मालदीव जैसे छोटे देशों पर अक्सर क्षेत्रीय और वैश्विक दबाव होता है, खासकर मुस्लिम बहुल देशों के समुदाय और संगठनों का। इजरायल के खिलाफ स्टैंड लेना मालदीव के लिए दूसरे मुस्लिम देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में मदद करेगा। मालदीव के इजरायल के पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला अहम तौर पर धार्मिक और राजनीतिक विचारधाराओं से प्रेरित है। इस तरह का प्रतिबंध मालदीव की अंतरराष्ट्रीय और घरेलू नीतियों के मुताबिक ही है। इसके अलावा वो फिलिस्तीन के लिए मालदीव के समर्थन को भी दिखा रहा है। हालांकि, इस तरह के प्रतिबंधों से दोनों देशों के बीच भविष्य में राजनयिक संबंधों की संभावनाएं कम हो जाएंगी।