
MQ-9B Predator drone
पिछले कुछ साल में भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के बीच संबंधों में मज़बूती आई है। व्यापार के साथ ही रक्षा मसलों में दोनों देशों ने साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत अमेरिका की मदद से भारत में ही फाइटर जेट्स के पार्ट्स तैयार किए जाएंगे, जिससे भारत फाइटर जेट्स बनाने के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा। साथ ही भारत और अमेरिका के बीच हुई ड्रोन-डील (Drone-Deal) से भी भारत को काफी मज़बूती मिलेगी।
क्या है दोनों देशों के बीच हुई ड्रोन डील?
अमेरिका ने करीब 33 हज़ार करोड़ रुपयेकी अनुमानित लागत पर भारत को हथियारों से लैस 31 MQ-9B प्रीडेटर लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन्स की बिक्री की डील को ग्रीन सिग्नल दिया है।
भारत को मिलेगा ज़बरदस्त फायदा
अमेरिका की तरफ से हाल ही में जानकारी देते हुए बताया गया है कि MQ-9B प्रीडेटर लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन्स से भारत को ज़बरदस्त फायदा होगा। MQ-9B प्रीडेटर लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन 40 हज़ार फीट से ज़्यादा ऊंचाई पर करीब 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन सर्विलांस और हमले के लिहाज से बेहतरीन है और आसमान से न सिर्फ आसमान में, बल्कि से ज़मीन पर भी सटीक हमले कर सकता है।
इससे बॉर्डर के साथ ही समुद्री मार्गों की भी निगरानी संभव है जिससे सुरक्षा मज़बूत होगी। इन ड्रोन्स से भारत को मानवीय सहायता/आपदा राहत, लोगों की खोज और उनका बचाव, लंबे डिस्टेंस को टारगेट करना, ग्राउंड और एयर लेवल पर युद्ध और, पानी के नीचे पनडुब्बी रोधी युद्ध, एयरबोर्न माइन काउंटरमेसर, ओवर-द-एयर टारगेट जैसी चीज़ों में भी मदद मिलेगी। भारत को ये ड्रोन्स मिलने से चीन और पाकिस्तान की चिंता भी बढ़ेगी।
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Published on:
06 Feb 2024 03:23 pm
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